Miththa Bhojpuri Kavita
Miththa Bhojpuri Kavita

मिठ्ठा

( Miththa )

 

मिठ्ठा के गोली, भेल्ली कहाला
क‌ई गो दवाई में, काम आ जाला
गनना के रस पाक के भेलली हो जाला
चना के साथ सबेरे खोजाला
गोर होय या करिया सस्ता बिकाला
चिउड़ा फूला के ओमे मिसाला
मरचा आ नुन संगे धराला
सट-सट सबके खुबे घोटाला
भुजा के संगे भी कट-कट कटाला
पानी में डाल के घट घट घोटाला
पेट के साफ करें, जब पेट में इ जाला
हरानी थकानी में चूसती बुझाला
किसान मजदुर के भात, मिठ्ठा से सनाला
देख के खाना मुस्कान आ जाला
गरीब दुखीया के साथी कहाला
खिचड़ी में मिठ्ठा भरपुर खरीदाला
लाई तिलुआ में खुबे डलाला
पुजा में ई भगवान ला धराला
एके बड़ाई सब जगह सबसे भेटाला
गांव, देहात, शहर हर जगह विकाला
हर घर में ई जरुर मिल जाला ।

 

कवि – उदय शंकर “प्रसाद”
पूर्व सहायक प्रोफेसर (फ्रेंच विभाग), तमिलनाडु

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