मून मिशन | नज़्म

मून मिशन

( Moon mission ) 

 

जश्न आगे हमारा ये बढ़ता रहे,
नया इतिहास रोज ये गढ़ता रहे।
दमखम देखे हमारा ये सारा जहां,
तिरंगा नभ में सदा लहराता रहे।

उन चेहरों से परदा हटायेंगे हम,
मून का ये मिशन बस चलता रहे।
उठता देखो वही है जो गिरता कभी,
मेरा इसरो उड़ान नई भरता रहे।

दूर हमसे नहीं बुध,शुक्र,मंगल अब,
सिलसिला खोज का नित्य चलता रहे।
पर्दे – पर्दे में मेरी हैं बातें छिपीं,
ज्ञान का भौंरा बागों में उड़ता रहे।

मेरे बिस्तर पे लेटे भले चांदनी,
चांद भी मुझसे आँखें लड़ाता रहे।
आशियाना सजेगा एक दिन वहां,
शौक बच्चों का देखो पलता रहे।

ले के जायेंगे मुट्ठी में अपनी हवा,
सैटलाइट का चेहरा खिलता रहे।
जग संवारेंगे रब ने ताकत दिया,
पेड़ झुककर सदा ये फलता रहे।

 

रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),

मुंबई

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