Mother's Day ke Liye Poem

माँ के चरणों में | Mother’s Day ke Liye Poem

माँ के चरणों में

( Maa ke charno mein ) 

 

बड़ा छोटा शब्द है मां
उसके चरणों में है जहां

विस्तृत विशाल हृदय से
करुणा ,ममता ,भावों से

जीवन के हर ख्वाबों से
आंचल की ठंडी छांव से

चमकती उन आंखों से
निश्छल प्यार के धागे से

आशीषों के सागर से
ममतामई दुआओं से

मां के हाथ के खाने से
मैं जैसे वंचित हुआ

आधा जीवन रह गया
आधा उसके साथ गया

जब देने को कुछ ना था
तब तू मेरे पास ही थी

अब जब मै लायक बना
साथ छोड़ कर चली गई

मां कहां कुछ लेती है
वह तो सिर्फ देती है

अपने जैसे दया भाव
मुझ में छोड़ तू चली गईl

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

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