मुझे भी याद कर लेना | Geet
मुझे भी याद कर लेना
( Mujhe bhi yaad kar lena )
मेरे आँगन का सावन जब
लिये बरसात आयेगा
इस फुलवारी में आकर के
गुलो गुलशन महकायेगा
मैं तुझको याद करूंगी
तुम्हारे दर पर आँधी की
जब होंगी दस्तक बेशुमार
दबाकर सारी हलचल तुम
मुझे बस गुनगुना लेना
मुझे भी याद कर लेना
जो तेरी याद सताएगी
नींद बैरन हो जाएगी
डसेगी नागन बन के रात
आँख आँसू बरसाएगी
मैं तुझको याद करूंगी
तुझे भी ख्वाब सतायेगें
मेरा अहसास करायेगें
नाम मेरा ही लेकर के
मेरे संग मुस्कुरा लेना
मुझे भी याद कर लेना
खिजाये दिल तडपायेंगी
घटाऐं घिर घिर आयेंगी
पलके होकर के बोझिल
कमी तेरी बतलायेंगी
मैं तुझको याद करूंगी
तुम्हारे दिल का हर कोना
मुझे जब ढूंढ़ता होगा
इश्क कागज पर लिखने को
बहुत बेचैन सा होगा
हवाऐं जर्द हो जाये
मेरी तस्वीर ले लेना
मुझे भी याद कर लेना
मेरे चेहरे पे दिखते है
जख्म नासूर से हर पल
दर्द ये मीठा मीठा सा
दिखाई देगा जब हर दम
मैं तुझको याद करुँगी
सुनोगे मेरे गीतो को
दर्द जब सह ना पाओ तो
लफ्ज को कर देना मरहम
लबो से नाम ले लेना
मुझे भी याद कर लेना
🍀
डॉ. अलका अरोड़ा
“लेखिका एवं थिएटर आर्टिस्ट”
प्रोफेसर – बी एफ आई टी देहरादून