15 अगस्त (कविता)
15 अगस्त (कविता)

15 अगस्त (कविता)

( Poem 15 August )

 

आज 15 अगस्त है।

उत्साह जबरदस्त है।।

 

आओ यशोगान करें

ऊंची इसकी शान करें।

देशप्रेम पर कुछ कहने का

आज सही वक्त है।।

 

गौरवशाली देश हमारा

शहीदों की आंखों का तारा।

श्रवण रामचंद्रजी जैसे

कहां पितृभक्त है!

 

दो  पलकों में दुनिया डोली

स्वर्ग-नरक  की बोले  बोली।

जिन ऋषियों ने मुक्ति खोजी

हम उन्हीं का रक्त है।।

 

ज्ञान अध्यात्म योग साधना

दुनिया हमसे  करे कामना।

विश्व-गुरु की  पदवी इसकी

नहीं आज  भी  ध्वस्त  है।।

 

कहावत  है  जो माता है

कभी  होती  नहीं कुमाता है।

“कुमार”  सुन्दर भारतमाता

हम ही मौकापरस्त  है।।

 

?

लेखक: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

यह भी पढ़ें : 

ग़र ना होती मातृभाषा

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here