वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे | Muskurahat Shayari
वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे
( Wo mujhe dekh kar muskurate rahe )
वज़न: फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन
इश्क बनके वो दिल में समाते रहे
वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे
अक्स बनके वो आंखों में आते रहे
रात भर मेरी नींदें उड़ाते रहे
एक पल के लिए उनको भूला नहीं
सांस की तर्ह वो आते जाते रहे
सुर में जब भी कभी मैंने आवाज़ दी
मेरी गीतों में वो गुनगुनाते रहे
उनकी तस्वीर को देख के रात भर
हिज्र का लुत्फ हम भी उठाते रहे
दिल ने मुझसे कहा ये वही है अतीक़
उम्र भर जो तुझे ख्वाब आते रहे
शायर: अतीक़ अहमद कुशीनगरी
कुशीनगर ( उत्तर प्रदेश)