Ghazal aisi udaan
Ghazal aisi udaan

आज ऐसी उड़ान करते है

( Aaj aisi udaan karte hai )

 

 

आज ऐसी उड़ान करते है

वो जहाँ में उफान करते है

 

तब मिले है अनाज ओ रोठी

जब खेती ये किसान करते है

 

जीस्त में वो न ख़ुश कभी रहते

जो बड़ो से ज़बान करते है

 

जिंदगी भर उन्हें मिले इज्ज़त

जो बड़ो का सम्मान करते है

 

एक दिन रब उन्हें मिटा देता

दोस्त ख़ुद पर गुमान करते है

 

नफ़रतों की नहीं यहाँ खेती

प्यार का कारोबार करते है

 

नौकरी अब रही कहाँ आज़म

दोस्त अब तो दुकान करते है

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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