नफ़रतों की हम दीवारें तोड़ते है
नफ़रतों की हम दीवारें तोड़ते है
नफ़रतों की हम दीवारें तोड़ते है!
प्यार से दिल को दिल से हम जोड़ते है़
वो नज़ाजत सी दिखाता है़ बहुत ही
रोज़ जिसको आंख भरके देखते है़
ख़्वाबों में डूबे उसके हम रात भर अब
मीठी से बातें जो हमसे बोलते है़
जिंदगी में भेज दें उसको सदा रब
रात दिन जिसको मगर हम सोचते है़
जो देखें आज़म मुहब्बत से हमें तो
रोज़ वो चेहरा गली में ढूढ़ते है़