Narak chaturdashi kavita
Narak chaturdashi kavita

नरक चतुर्दशी

( Narak chaturdashi )

 

 

नरक चतुर्दशी नाम है

सुख समृद्धि का त्यौहार

रूप चौदस कहते इसे

सुहागने करती श्रंगार

 

यम का दीप जलाया जाता

सद्भाव प्रेम जगाया जाता

बड़े बुजुर्गों के चरण छू कर

खूब आशीष पाया जाता

 

छोटी दिवाली का रुप होती

रोशनी अनूप होती

सजावट से रौनक बाजार

दीपो की छटा सरुप होती

 

खुशियों का त्योहार है

दीपों की बहार है

गणेश लक्ष्मी पूजन में

 सज रहे घर बार है

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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