Narangi
Narangi

स्वास्थ्यवर्धक है नारंगी

( Swasthya vardhak hai narangi ) 

 

आयुर्वेदा में ‌इसके गुणों के फ़ायदे बताएं है अनेंक,
गेंद जैसा दिखने वाला गुणकारी यह फल है एक।
रंग-रूप एवं स्वाद जिसका है सभी फलों से भिन्न,
आसानी से जो मिल जाता नाम इसके है अनेंक।।

फल फूल छिलके पत्ते जिसके सभी आते है काम,
नारंगी और मौसमी-सन्तरा ढ़ेर सारे जिसके नाम।
हृदय रोग या मूत्र रोग पेट दर्द चाहें खांसी-ज़ुकाम,
रक्तविकार एवं डायबिटीज़ में भी यें आता काम।।

मध्यम आकृति का वृक्ष है ये जो सर्वदा रहता हरा,
कंटीला झाड़ीनुमा दिखने वाला ना छोटा ना बड़ा।
खट्टा मीठा, गर्म तासीर वाला ये बल प्रदान करता,
हर उम्र वाला खा सकता है वो छोटा हो या बड़ा।।

ये उल्टी-दस्त त्वचा रोग व बुखार को ठीक करता,
कई सारे रोगों से लड़ने की ये शक्ति प्रदान करता।
भूख‌ बढ़ाता सौन्दर्य बढ़ाता पाचन विकार मिटाता,
पेट के कीड़े, मुंह-दुर्गन्ध कील-मुहांसे दूर करता।।

इस नारंगी का सेवन गठिया‌ रोग में लाभप्रद होता,
जो भारतवर्ष में कई जगह पाया व उगाया जाता।
उत्तरप्रदेश उत्तराखंड मध्यप्रदेश गुजरात महाराष्ट्रा,
कर्नाटक, हिमाचल में इसकी खेती किया जाता‌।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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