नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) षष्ठ दिवस
नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) षष्ठ दिवस
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
ज्ञानामृत का भरकर प्याला पीजिये ।
आत्मा को शुद्ध बना लीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
बढ़ रहा वैभव ज्यों तृष्णा बढ़ रही ।
अब जरा संतोष दिल में कीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
क्यों उलझते जा रहे धन माल में ।
धर्म कर आनंद को पा लीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
खेल में बचपन तो सारा खो दिया ।
अब जवानी में माता को भज लीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
आ गया बुढ़ापा फिर क्या हो सके ।
अंत पश्चाताप ही कर लीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
काल के पंजे में जो भी फंस गया ।
कौन बच पाया मुझे कह दीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
धर्म को छोड़ वह क्या इंसान है ।
भुवाल माता के सुकृत से घट भर लीजिये ।
नवरात्रि पर्व में भुवाल माता का नाम लीजिये ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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