ट्रैफ़िक जाम

( Traffic Jam )

 

जब
सड़कें नहीं
चलती
तब गलियाँ
चलती हैं,
जब गलियाँ
भी नहीं चलती,
तब लोग
पैदल चलने लगते हैं।
पैदल चलना
केवल स्वास्थ्यकर
ही नहीं होता
बल्कि क्रांति का द्योतक
होता है उस व्यवस्था के
विरुद्ध जो सड़कें,
गलियां जाम करने को
मजबूर करते हैं,
तब पैदल
चलने वाले लोग
गलियों,सड़कों को सुचालित
करने के लिये सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाते हैं,
जिनके शोर से व्यवस्थापक
या तो निरंकुश हो जाते हैं
या बहरे.
ये बहरापन या निरंकुशता
राष्ट्र को खोखला
कर देता है या
ट्रैफिक जाम…..

 

राधेश विकास (प्रवक्ता),
प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश )

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