नवरात्रि नव रूप | Navratri kavita
नवरात्रि नव रूप
( Navratri nav roop : Navratri par kavita in Hindi )
आया माह क्वार का नौ दिन गुजै भक्ति
अलग-अलग नौ रूप में पुजै मां दुर्गा की शक्ति
पहले दिन मां शैलपुत्रीका भक्त भाव से पूजै
दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी मनचाहा फल दीजै
तीसरे दिन चंद्रघंट भवानी मधुर कंठ कर देती हैं
चौथे दिन कुष्मांडा पूजा रोग शोक हर लेती है
पंचवा दिन स्कंद स्वरूपा मोक्ष की राह दिखाती हैं
छठवें दिन कात्यायनी पूजा शक्ति सामर्थ बढ़ाती हैं
सातवें दिन महाकाली देवी दुश्मन का सर्वनाश करें
आठवें दिन महागौरी पूजा समस्त पाप का नाश करें
नौवा दिन निधियों की देवी सिद्धिरूप धर लेती हैं
वाक् सिद्धि अमृत्व भावना जीवन में भर देती हैं
दसवां दिन हुआ विजय दिवस राम ने रावण मारा
सिंह वाहिनी पापनाशिनी महिषासुर संहारा
कवि : रुपेश कुमार यादव ” रूप ”
औराई, भदोही
( उत्तर प्रदेश।)
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