
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
( Netaji Subhash Chandra Bose )
भूल कैसे जाएगा भारत
मातृ भूमि की वह माटी,
जिस रंग में रंग लिया अपना
नेता सुभाष चन्द्र ने खाकी
हे प्रगति पथ के अग्रदूत
अब रहा न वह सोंधी माटी
ना देश भक्ति ना देशप्रेम
बस धरा पीटती है छाती।
है खून का प्यासा हर कोई
आजादी किसको है भाती
जय हिन्द का किसको पड़ा यहां
सब छीन रहे सबकी रोटी
रंगून जापान तो दूर रहा
अपनों में चलती है लाठी
अब राजनीति के चक्कर में
देशभक्ति याद किसे आती
मैं याद दिलाता हूं प्रेमी
बलिदान ना जाया जायेगा
जब तक धरती गगन रहेगा
इतिहास सदा गुण गाएगा
भारत का हर एक बच्चा
बनना सुभाष चन्द्र चाहेगा
जय हिन्द के नारे का परचम
वह गगन बीच फहरायेगा।

रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी
( अम्बेडकरनगर )
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