निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु | Nirmal Jain ke Haiku
बेटियाँ
बेटियाँ घर की शान
वो खुद की खुशियाँ
करती सदैव कुर्बान
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बेटी को पढ़ने दो
अपनी मंजिल की
ये सीढ़ी चढ़ने दो
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बेटियाँ है अरमान
अनमोल उपहार
ईश का है वरदान
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निर्मल जैन ‘नीर’
ऋषभदेव/राजस्थान
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