पास है अब तू नहीं
पास है अब तू नहीं

पास है अब तू नहीं

( Paas hai ab too nahin )

 

जिंदगी में प्यार की खुशबू नहीं!
इसलिए की पास है अब तू नहीं

 

कर लिया है सब्र उसका मैंनें ही
अब तो यूं आते मगर आंसू नहीं

 

ढूंढ़ती उसको रही आंखें मेरी
वो नजर आया मुझे हर सू नहीं

 

क़त्ल ज़ायज उस फरेबी के लिए
हाथ में वरना मेरे चाकू नहीं

 

आज नफरत के उठे तूफां यहाँ
हां मुहब्बत की यहां तो लू नहीं

 

प्यार का रिश्ता निभाया वो मगर
वो कभी बैठा मेरे पहलू नहीं

 

घिर गया यादों से उनके आज दिल
इसलिये आज़म का दिल काबू नहीं

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

 

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