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भेदभाव

Hindi Poetry On Life | भेदभाव

भेदभाव ( Bhedbhav )     फर्क नही बेटे बेटी में, दोनों  ही आँखों के तारे है। इक धरती सी धीर धरा तो, दूजा गगन के तारे है।   भेद भाव हमसे ना होता, संविधान सिखलाता है। बेटी ही  बस करता रहता, बेटों को झुठलाता है।   दोनों में अन्तर.क्या बोलों,इक शक्ति तो इक शिव…

श्याम रे

Bhakti Kavita | Hindi Kavita | Hindi Poem -श्याम रे

श्याम रे ( Shyam Re )   नाही  आये  यमुना  तट पे  श्याम रे, सुबह  बीती  दोपहरी  हुई  शाम  रे।   कहाँ छुप गए मनमोहन घनश्याम रे, मन  है बेकल  कहाँ  है श्री श्याम रे।   निरखत से नयन नीर भर भर आए रे, जैसे  घटा  में  मेघ घन  घिर  आए रे।   कारी  बदरिया …

मुसाफिर

Hindi Kavita On Life | Hindi Kavita -मुसाफिर

मुसाफिर ( Musafir ) … मुसाफिर तंन्हा हूँ मै, साथ चलोगे क्या, तुम  मेेरे। है मंजिल दूर, सफर मुश्किल , क्या साथ चलोगे मेरे। यही है डगर, एक मंजिल है तो फिर, साथ चलो ना, सफर कट जायेगा दोनो का, हमसफर बनोगे मेरे। … करेगे दुख सुख की बातें, बातों से खनक बढेगी। हमारे दिल…

संसय

Sansaya Hindi kavita On Life – संसय

संसय ( Sansaya Kavita)   मन के रावण को मारे जो, राम वही बन पाएगा, वरना सीता  को रावण से, कैसे  कौन  बचाएगा।   कुछ नर में रावण बसते है, कुछ नारी में सूर्पनखा, संस्कार को त्याग दिया तो, धर्म को कौन बचाएगा। दीपक के जलने से  बुझता, अन्धकार  रूपी  माया, मन मे जगता ज्ञान…

मैने पाया  बहुत, मैने  खोया बहुत। जिन्दगी तेरे दर , मैने  रोया  बहुत। ख्वाब मैने बुना,जो हुआ सच मगर। वो मुकम्मिल नही, मैने ढोया बहुत।

Sad Hindi Poem -बीते लम्हें

बीते लम्हें ( Beete Lamhen Kavita )      मैने पाया  बहुत, मैने  खोया बहुत। जिन्दगी तेरे दर , मैने  रोया  बहुत।   ख्वाब मैने बुना, जो हुआ सच मगर। वो मुकम्मिल नही, मैने ढोया बहुत।   शेर से बन गया, लो मै हुंकार अब। सब समझते रहे, मै हूँ  बेकार अब।   मै  सींचा …

कैसे-कैसे लोग
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Hindi Kavita By Binod Begana -कैसे-कैसे लोग

कैसे-कैसे लोग ( Kaise-Kaise Log )     अक्ल के कितने अंधे लोग। करते क्या-क्या धंधे लोग।   मासूमों के खून से खेले, काम भी करते गंदे लोग।   रौब जमा के अबलाओं पर, बनते हैं मुस्तंडे लोग।   तन सुंदर कपड़ों से ढकते, मन से लेकिन नंगे लोग।   अपनाते दौलत की खातिर, बुरे-बुरे …

बावरा मन

Romantic Poetry In Hindi -बावरा मन

बावरा मन ( Bawara Man )     बावरा   मन   मेरा,  हर  पल  ढूंढे   तुमको। नैना द्वारे को  निहारे, एकटक देखे  तुमको।   प्रीत  कहते  है  इसे, या  कि कोई रोग है ये। जो  झलकता तो नही, दर्द  का संयोग है ये।   कहना चाहूं कह न पाऊं, ऐसा  मनरोग है ये। झांझरी सा मन…

नर से धीर है नारी

Hindi Kavita On Women -नारी

नारी ( Nari Kavita )   नर से धीर है नारी … घर में दबी बेचारी , कभी बेटी कभी बहू बने , कभी सास बन खूब तने, एक ही जीवन कितने रूप , धन्य भाग्य तुम्हारी नर से धीर है नारी… कभी यह घर अपना , कभी वह घर अपना जिस घर जाए वहीं…

भारत का गौरव

Hindi Kavita -भारत का गौरव

भारत का गौरव ( Bharat Ka Gaurav )     राम तेरे आर्याव्रत अब, शस्त्र नही ना शास्त्र दिखे। धर्म सनातन विघटित होकर,मात्र अंहिसा जाप करे।   शस्त्रों की पूजा करते पर, शस्त्र उठाना भूल गए, रणचंडी का वैभव भूले, खड्ग खप्पर सब भूल गए।   परशुराम का परशु अब तो, यदा कदा ही दिखता…

नार परायी

Hindi Kavita -नार परायी

नार परायी ( Naar Parai )     मिले हम मिले नही पर, मन से साथ रहेगे हम। नदी के दो किनारे से पर, मन से साथ रहेगे हम। मिलन ना अपना है ये,भाग्य विधाता ने लिखा है, मगर हुंकार सुनो इस दिल से,मन मे साथ रहेगे हम।   कर्म तुम अपना आप करो हम,अपना…