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कष्ट निशा के मन का

Hindi Kavita | Hindi Poem -कष्ट निशा के मन का

कष्ट निशा के मन का ( Kasht Nisha Ke Man Ka )     चंदा तुमसे कहां छुपा है, कष्ट निशा के मन का । चलते चलते छुप जाते हो, करो प्रयास हरन का ।।   एक पत्ती जो हिली हवा से, सिहर सिहर वो उठती। मूर्तरूप लेती कुछ यांदे, लहर क्षोभ की उठती ।।…

आफर

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -आफर

आफर ( Offer )   क्या  कोई  ऐसा  भी  है  जो, दुखी  हृदय  घबराए। प्रेम दिवस पर मुझे बुलाकर,पिज्जा, केक खिलाए।   इससे  पहले  भाग्य  अभागा, सिंगल  ही मर जाए। फोन  करे  हुंकार  को  पहले, आकर  आफर पाए।   आँखों  मे  आँखो  को  डाले, मन  की  बात  करेगे। पुष्प  गुलाब  का  तुम  ले आना, बालों…

Saboot Kya Doon Main Tumhara Hoon

क्या दूं || Sad Ghazal | Romantic Ghazal -सबूत क्या दूं मैं तुम्हारा हूं

सबूत क्या दूं मैं तुम्हारा हूं ( Saboot Kya Doon Main Tumhara Hoon )      छत न दीवार न सहारा हूं। सबूत क्या दूं मैं तुम्हारा हूं।।   एक की बात हो तो बतलाऊं, हजारों खंजरों का मारा हूं।।   पोछ कर आंसू मुस्करा के कहा बात कुछ भी नहीं बस हारा हूं।  …

उलझन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -उलझन

उलझन ( Uljhan )   मचा  हुआ  है  द्वंद  हृदय में, कैसे इसको समझाए। यायावर सा भटक रहा मन, मंजिल तक कैसे जाए।   उलझी  है जीवन  हाथों की,टेढी मेढी  रेखाओ में। एक सुलझ न पायी अब तक,दूजी कैसे सुलझाए।   वो मुझको चाहत से देखे,  पर मन मेरे और कोई। मेरे मन मे रमा…

शिक्षा

Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा

शिक्षा ( Shiksha )   जगत में शिक्षा है आधार। शिक्षा बिना धुंध सा जीवन शिक्षा मुक्ती द्वार।। जगत में० ।। अनपढ़ मूढ़ निरक्षर क्या -क्या शव्द बुलाये जाते, इन  लोगों  से  भेड़  बकरियां  पशु चरवाये जाते, पढ़ें – लिखे मुट्ठी भर लोग तब करते अत्याचार।। जगतमें० ।। शिक्षा बिना न मिले नौकरी दर-दर ठोकर…

बचपन

Kavita On Bachpan | Hindi Kavita | Bachpan Kavita -बचपन

बचपन ( Bachpan ) कितना सुंदर बचपन का जमाना होता था खुशियों का बचपन खजाना होता था । चाहत चांद को पाने की दिल तितली का दीवाना होता था । खबर ना थी सुबह की बस शाम का ठिकाना होता था । थक हार कर स्कूल से जब आते झटपट खेलने भी जाना होता था…

भाग्यहीन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -भाग्यहीन

भाग्यहीन ( Bhaagyaheen )   कहाँ  गए  रणछोड  द्रौपदी, पर  विपदा अब भारी है। रजस्वला तन खुले केश संग,विपद में द्रुपद कुमारी है।   पूर्व जन्म की इन्द्राणी अब, श्रापित सी महारानी है। पांच महारथियों की भार्या, धृत की जीती बाजी है।   हे केशव हे माधव सुन लो, भय भव लीन बेचारी है। नामर्दो…

पहेली

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -पहेली

पहेली ( Paheli)   जय विजय के बीच मे लो, मै पराजित हो गया। सामने मंजिल थी मेरी , पर मै थक के सो गया।   अपनो पे विश्वास कर मै खुद ही खुद से ठग गया। आँख जब मेरी खुली तब तक, लवारिस हो गया।   छोड करके जा चुके थे जो मेरे अपने…

पहला प्यार

Romantic Ghazal | Love Ghazal -पहला प्यार

पहला प्यार (Pahla Pyar )   हृदय को तोड बताओ ना, कैसे तुम हँस लेते हो, बिना सोचे समझे कुछ भी तुम, मुझसे कह देते हो।   प्यार करते है तुमसे पर, मेरे भी कुछ अरमां है, जिसे कदमों से मसल कर,जब जी चाहे चल देते हो।   क्या मेरे दिल की बातें, तेरे दिल…

सजा

Hindi Poetry On Life | Hindi Ghazal -सजा

सजा ( Saza )     मेरी गलतियों की मुझको सजा दे गया, बेवफा  था   मुझे   वो   दगा   दे  गया।     क्या   बताए   हमें   क्या सजा  दे गया, मेरी खुशियों  के  सपने  जला  के गया।     आइने  सा  ये  दिल तोड कर चल दिया, इतने  टुकडे किये कि मैं गिन ना सका।  …