desires

अरमान (सच्ची घटना पर आधारित)

बड़े अरमानों के साथ संध्या शादी के बाद ससुराल आई थी। उसके हाथों की मेहंदी का रंग उतरा भी ना था कि सासू मां ने रसोई घर की जिम्मेदारी उसके कंधों पर डालते हुए कहा- “अब यह घर तेरा हुआ। थक गई मैं, इस घर को संभालते हुए। अब इसको संभालने की जिम्मेदारी तेरी है।”…

उद्देश्य, लक्ष्य, ध्येय

उद्देश्य, लक्ष्य, ध्येय

उद्देश्य, लक्ष्य ,ध्येय मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है जिस मनुष्य के जीवन मे कोई उद्देश्य नही वह मनुष्य दिशा दृष्टि विहीन होता है। जीवन का बिना उद्देश्य, राष्ट्र समाज मे कोई महत्व नही रहता उद्देश्य मनुष्य के दृष्टि, दृष्टिकोण एव स्वंय के स्वतंत्र विचार धारा के अस्तित्व पर निर्धारित होती है। उद्देश्य…

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ की ग़ज़लें -2 | Poetry of Sarfraz Husain Faraz

तमाशा यह भी जहां को दिखा दिया मैंने तमाशा यह भी जहां को दिखा दिया मैंने।ख़िज़ां को फ़स्ले-बहारां बना दिया मैंने। किताबे-दिल से भी उसको हटा दिया मैंने।के जिसको अपनी नज़र से गिरा दिया मैंने। कहा था जो भी वो कर के दिखा दिया मैंने।वफ़ा से तेरी जफ़ा को हरा दिया मैंने। परिन्दा प्यार का…

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना

मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योतिषीय गणीतिय गणना पर की जाय तो अक्षरशः सही होता है जिसमें मनुष्य अपने श्रेष्ठ कर्म से जीवन मे सार्थकता की सफलता को बढ़ा सकता है…

हाँ! मैं आसमान से बात करती हूँ

हाँ! मैं आसमान से बात करती हूँ

हाँ! मैं आसमान से बात करती हूँ मैं वो लड़की हूँ —जो अक्सर रात की चुप्पियों मेंखुद से सवाल करती है:क्या मेरा होना बस एक समझौता है?या कोई पुकार है —जो इस सदी के शोर में गुम हो गई? मेरी हथेलियाँ खाली नहीं हैं,इन पर बिखरे हैं अधूरे ख्वाब,जो रोज़ सिले जाते हैंघर की चौखटों…

अख़बारों में साहित्य की हत्या और शब्दकर्मियों की बेइज़्ज़ती

अख़बारों में साहित्य की हत्या और शब्दकर्मियों की बेइज़्ज़ती

आज के अधिकांश अख़बारों से साहित्यिक पन्ने या तो पूरी तरह गायब हो चुके हैं या केवल खानापूरी तक सीमित हैं। लेखकों को छापकर उन्हें ‘कृपा’ का अनुभव कराया जाता है, परंतु सम्मानजनक मानदेय नहीं दिया जाता। अब कुछ मालिकान पुरस्कार योजनाएं बनाकर लेखक-सम्मान का दिखावा कर रहे हैं, जबकि बुनियादी ज़रूरत है — श्रम…

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य

प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी मीत है, जिंदगी खुद की है ,जिंदगी खुद की दुश्मन भी है । तात्पर्य स्पष्ठ है जिंदगी जीने के अंदाज़ पर निर्भर करती है।चाहे आप जो भी कार्य करते है वहां प्रतिस्पर्धा चुनौती से अवसर एव उपलब्धि दोनों उपलब्ध कराती है। कभी सामान…

परमात्मा और परमार्थ

परमात्मा और परमार्थ

परमात्मा वास्तव में आत्मा कि परम यात्रा का ही सत्यार्थ है या कुछ अन्य आत्मा किवास्तविकता शोध का विषय है या नही अपने आप मे बड़ा प्रश्न है ? आत्मा परमात्मा दोनों के शाब्दिक विवेचना में सिर्फ परम का ही प्रत्यंतर है आत्मा कि परम स्थिति ही परमात्मा कि प्रमाणिकता है ? परम स्थिति क्या…

अथ कुम्भ मोक्ष मार्ग सत्यार्थ

अथ कुम्भ मोक्ष मार्ग सत्यार्थ

(अ) पौराणिक कुम्भ कथा- सनातन की सिंद्धान्तों के सुंदर लोककल्याण एव लोकवोत्सव कि परम्पराओ में कुम्भ एक महत्वपूर्ण पड़ाव एव आयोजन है जो नियमित रूप से प्रत्येक चार वर्षों पर के अंतराल में हरिद्वार ,प्रयाग ,उज्जैन एव नासिक में आयोजित होता है। आर्थत बारह वर्षों के अंतराल में कुम्भ स्नान का आयोजन भारत की पवित्र…

कागा की कलम

विचार-धारा

सच्चाई कौन दोस्त कौन दुश्मन फ़र्क़ नहीं पड़ता,कौन अपना कौन पराया फ़र्क़ नहीं पड़ता। हम चले मंज़िल की ओर एकदम अकेले,कौन रहबर कौन रहज़न फ़र्क़ नहीं पड़ता। सोच में सपने संजोये भावी भविष्य के,कौन नाकाम कौन कामयाब फ़र्क़ नहीं पड़ता। नक्कमे करते नुक्ताचीनी हर किसी काम में,कौन नेक कौन नादान फ़र्क नहीं पड़ता। करते जो…