सभ्य समाज की गाली हूँ

सभ्य समाज की गाली हूँ | Sabhya Samaj ki Gaali

सभ्य समाज की गाली हूँ  ( Sabhya samaj ki gaali hoon )   सांस रूकी तो मुर्दाबाद , सांस चली तो जिन्दाबाद ! चढ़ता नित नित सूली हूँ , मैं किस खेत की मूली हूँ  ! !   बंजारों की बस्ती में रहता हूँ , अपनी मस्ती में बहता हूँ ! जीवन की एक पहेली…

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी *********** बिहार के जनता- भूल गईल बा मंदिर मस्जिद, आ भूल गईल बा जाति मजहब; भैया हो ! अबकी चुनाव में- बिहारी कइले बा गजब! जनता के मांग अबकी नेता के नइखे पचत, जेने जाईं ओन्ने बेरोजगार बाड़े पूछत। कहां बा# रोजगार? हे सरकार! वोटवा लेवे खातिर बानी…

भरोसा क्या बहारों का

Ghazal | भरोसा क्या बहारों का

भरोसा क्या बहारों का ( Bharosa Kya Baharon Ka )     गुलों को खुद खिला लेना भरोसा क्या बहारों का। खुदी से दोस्ती करना भरोसा क्या है यारों का।।   नहीं रौशन फिजा होती कभी भी आजमा लेना। है चंदा आसमां में तो नज़ारा क्या सितारों का।।   करो उम्मीद जब भी तुम हमेशा…

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन

लग रहा जैसे हो सजा जीवन     लग रहा जैसे हो सजा जीवन! इस कदर ग़म से भर गया जीवन   जी न पाया कभी ख़ुशी के पल ग़म की भट्टी में यूँ जला जीवन   एक पल की ख़ुशी की चाहत में बस भटकता रहा मेरा जीवन   ग़म ही ग़म हैं मेरी…

कृपा करो माँ पार्वती

कृपा करो माँ पार्वती

कृपा करो माँ पार्वती   (दुर्गा-अष्टमी पर विशेष)   कृपा करो माँ पार्वती। संहार , पालन, रचने वाली, तुम्ही तो हो आदिशक्ति।।   लाल चुनरिया ओढ सिंह पर, चढी भक्तों का मन हरती। खङग, चक्र , त्रिशूल, गदा ले, दुष्टों का मर्दन करती।।   सिद्धि मोक्ष-सुख देने वाली, भक्त-वत्सल ममता की मूर्ति। बिना तुम्हारे शिव…

ट्वीटर की धृष्टता

ट्वीटर की धृष्टता

ट्वीटर की धृष्टता ***** ट्वीटर वालों ने हमारे देश की आजादी, संप्रभुता, उदारता से खिलवाड़ किया है धृष्टता की है,मूर्खता की है इतना ही नहीं तकनीकी खामी बता- आरोपों से बचने की कोशिश की है। हमारी संप्रभुता से खिलवाड़ किया है, जम्मू एवं कश्मीर को- चीन में दिखाने का दुस्साहस किया है; लद्दाख को- जम्मू-कश्मीर…

होता उसका अब नहीं दीदार है

होता उसका अब नहीं दीदार है

होता उसका अब नहीं दीदार है     होता उसका अब नहीं दीदार है  राहों में मेरी खड़ी दीदार है     बोलता मुझसे नहीं वो आजकल वो मुझे लगता खफ़ा  ही यार है     राह में मेरी किसी के आने की मेरी आंखें  नींद से बेदार है     प्यार का क्या बोलेगा…

यहां रह जाती यादें बाकि

यहां रह जाती यादें बाकि

 यहां रह जाती यादें बाकि   बंदा  चला  जाता फिर , यहां  रह  जाती  यादें  बाकि। तब  छौङ करके पीछे  वो ,अपने  सभी  वादे  बाकि।।   किस-किस से जाने उसने की होगी तब जो फरमाईश। पङी  रह गई सारी  मन मे उसकी वो फरियादें बाकि।।   जो कुछ नहीं कर पाया था  तब जिंदगी में…

अनोखा फैसला

अनोखा फैसला

अनोखा फैसला **** सुन आई हंसी और हुआ आश्चर्य जब फैसला सुनाया गया भाई! मुझसे तो ना रहा गया दुनिया का अनोखा और संभवतः इकलौता है मामला पहले भी आपने बाबरी मस्जिद विध्वंस जेसिका हत्याकांड और न जाने कितने फैसले देखे सुने होंगे, आश्चर्यचकित भी हुए होंगे! एक और फैसला आया है- जिसमें इंसान हुआ…

पुरस्कार मिले या तिरस्कार

पुरस्कार मिले या तिरस्कार

पुरस्कार मिले या तिरस्कार   यथार्थ की धरातल पर खड़े होकर , सच को कर लूँगा स्वीकार पुरस्कार मिले या तिरस्कार |   ना कभी डगमगाऊंगा , कभी नहीं घबराऊंगा , झंझावातों से टकराऊंगा , मजधारों से हाथ मिलाऊँगा , हिम्मत नहीं मैं हारूँगा | सब कुछ कर लूँगा स्वीकार , पुरस्कार मिले या तिरस्कार…