आती रौनक बस तेरे आने से

आती रौनक बस तेरे आने से

आती रौनक बस तेरे आने से     आती    रौनक   बस   तेरे  आने  से। गुल   खिल  जाते   तेरे मुस्काने  से।।   करते   अटखेली    गालों   से    गेसू । कलि खिलती ज्यूं भंवर के आने  से।।   छायी  खुशबू   सी  गुलशन   में  सारे। सब  महके  हैं  उनके    महकाने  से।।   गहराई   में   थे   जो  दिल  के  अरमां।…

मेरी पहचान बता

मेरी पहचान बता

मेरी पहचान बता   मैं लड़की हूं इसे छोड़ मेरी पहचान बता घर मेरा मायका है या ससुराल मेरा मका बस एक बार तू मेरा पता बता   मैं लड़की हूं इसे छोड़ मेरी पहचान बता मैं अमृत हूं विष समझकर न सता मौन कर दिया तूने मुझे बेटे के समान बता   मैं लड़की…

बेटियों को मजबूर नहीं मजबूत बनाइए

बेटियों को मजबूर नहीं मजबूत बनाइए

बेटियों को मजबूर नहीं मजबूत बनाइए   क्या हम वही हैं जो हमें होना चाहिए  ? जब हमारे अंदर इंसानियथत ही नहीं तो क्या हमें जीना चाहिए   ?   आज के परिवेश में इस प्रश्न पर सोचिए और विचारिए  ! बड़ा अहम सवाल है केवल दांत मत चियारिए !   बेटियाँ केवल मेरी और आपकी…

सुभाष चंद्र बोस ने कहा था ( कविता )

सुभाष चंद्र बोस ने कहा था ( कविता )

सुभाष चंद्र बोस ने कहा था ( कविता )     ‘नेता  जी’  निज  हिन्द सैना से, जोश  मे   भर  यूं   कहे  खङे। सबक  सिखाना  है  दुश्मन को फैसले    लेगे   आज    कङे ।।   ‘जयहिंद’ बोल के समर-भूमि मे, कदम     मिलाते   चलो   बढे। ऐसा  जोश  जिगर मे  भर  लो, दस-दस  के   संग  एक लङे ।।…

प्रवास

प्रवास

प्रवास   अश्रुधारा हृदय क्रंदन दहन करता। प्रिय तुम्हारा प्रवास प्राण हरन करता।।   नभ में देखा नीड़ से निकले हुये थे आंच क्या थोड़ी लगी पिघले हुये  थे, उदर अग्नि प्रणय पण का हनन करता।।प्रिय०   तुम कहे थे पर न आये क्या करूं मैं इस असह्य विरहाग्नि में कब तक जलूं मैं, कांच…

कुमार के मुक्तक

कुमार के मुक्तक | Kumar ke muktak

कुमार के मुक्तक ( Kumar ke muktak )    १ बहते   हुए  जल   पे  कभी  काई नहीं आती, बिना  उबले   दूध  पर   मलाई   नहीं  आती। थोङी  बहुत  शायरी  तो  सभी  कर  लेते  हैं, “कुमार”दर्द से गुजरे बिन गहराई नहीं आती। २ कौन कहता है कि दुःख में, कोई अपना नहीं होता। सितारे होते है कुछ…

बोल कर तो देखो

बोल कर तो देखो

बोल कर तो देखो   सुनो- तुम कुछ बोल भी नहीं रहे हो यहीं तो उलझन बनी हुई है कुछ बोल कर दूर होते तो चल सकता था…..     अब बिना बोले ही हमसे दूर हो गए हो ये ही बातें तो दिमाग में घर कर बैठी है अब निकालूँ भी तो कैसे कोई…

वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है

वक्त कुछ इस तरह गुजारा है

वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है     वक्त  कुछ  इस तरह गुजारा है । दर्द  जीने  का  इक  सहारा है ।।   जो  नही  हम जुबां से कह पाए। आंसुओं  से  किया  इशारा  है ।।   जिंदगी  में  सभी  से जीता जो । बाद  तक़दीर  से   वो  हारा है ।।   सामने  हम   कभी  …

बढ़ती बेरोज़गारी

बढ़ती बेरोज़गारी

 बढ़ती बेरोज़गारी     रोज़ ही देखो बढ़ती बेरोज़गारी  क़त्ल मुफ़लिस के करती बेरोज़गारी   सोता भूखे पेट नहीं मासूम बच्चा जो नहीं इतनी होती बेरोज़गारी   आटा कैसे मैं ख़रीदूँगा भला अब बढ़ गयी यारों इतनी बेरोज़गारी   कैसे दूँ बिजली का बिल मैं भला ये दिल में ही आहें भरती बेरोज़गारी   बेटी…

साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे

साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे

साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे   साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे। लोग अपने-पराये मिलेगे तुझे।।   वक्त पे काम आते नहीं ये कभी। आँख- सी फेर आगे बढेगे तुझे।।   अनसुना सा करेगे हर बात को। काम कर देंगे ऐसा कहेंगे तुझे।।   बाद में काम अपना निकल जाए जब। लांघ…