आपस में करेंगे सहकार

आपस में करेंगे सहकार

आपस में करेंगे सहकार ***** आपस में करेंगे सहकार, यूं न बैठेंगे थक-हार। कमियों पर करेंगे विमर्श, खोजेंगे सर्वोत्तम निष्कर्ष। मिलजुल सब करेंगे संघर्ष, चेहरे पर होगा हर्ष ही हर्ष। देखते हैं परिस्थितियां कब तक नहीं बदलतीं? कब तक खुशियों की फुलझरिया नहीं खिलती? आंखों से आंखें,गले से गले नहीं मिलती? यकीं है शीघ्र ही…

सत्य अहिंसा

सत्य अहिंसा

सत्य अहिंसा   सत्य है तो सत्य का प्रयोग होना चाहिए। अहिंसा वही है कोई नहीं रोना चाहिए।।   उदर पूर्ति भी रहे रक्षा भी स्वाभिमान की, ब्योम तक लहराये ध्वज जवान जय किसान की, प्रेम भावना भरा संसार होना चाहिए।‌। सत्य०   नित नये अपराध से मानवता परेशान हैं, अहिंसा की लगता है खतरे…

आज़म नैय्यर हाइकु

आज़म नैय्यर हाइकु

आज़म नैय्यर हाइकु 1 जीवन में ख़ुश रहो दूर ग़म को करो प्यार से हंसो 2   नफ़रत नहीं प्यार करो सबसें हमेशा आओ गले लगो 3 दो भुला बेवफ़ा को यूं आहें मत भरो यूं ग़म में मत जलो 4 बात मेरी जरा सुनो यूं न फेरकर मुंह चलो दोस्ती में वफ़ा करो 5…

आया मौसम बसंत का

आया मौसम बसंत का

आया मौसम बसंत का (बंसत-पंचमी पर विशेष )   शीतल-मंद बयार बहाता आया मौसम बसंत का। अपनी खुशबू से महकाता आया मौसम बसंत का।।   कङकङाती-ठण्ड का भी अंत जैसे हो गया। कुदरत का श्रृंगार करता आया मौसम बसंत का।।   रंग-बिरंगे फूलों के संग रंग-बिरंगी तितलियां। भ्रमर कलियों पर मंडराता आया मौसम बसंत का।।…

देख रहे सब चीरहरण

देख रहे सब चीरहरण

 देख रहे सब चीरहरण     बैठे धृष्टराज की अंधी सभा में  देख रहे सब चीरहरण , कुछ लगाते ठहाका  ,  द्रोणाचार्य ,विदुर ज्ञानी हैं बैठे मौन , बोल न पाता है कोई न्याय वहां?    दुष्शासन के दुस्साहस को दे रहे ताल वहां, द्रोपदी भरी सभा में मांग रही  इज्जत की भीख वहां?  सुन…

ग़म के साये में पल रही दिल्ली

ग़म के साये में पल रही दिल्ली

ग़म के साये में पल रही दिल्ली   ग़म के साये में पल रही दिल्ली हाल पे अपनें रो उठी दिल्ली   हर तरफ़ देखो आग के शोले है दुश्मन से कब  सुरक्षित रही दिल्ली   प्यार की बारिशें नही होती नफ़रतों में हर पल  जली दिल्ली   क्या ख़ुशी से अब मुस्कुरायेगी हर चेहरे…

घूंघट

घूंघट

घूंघट सतरंगी रश्मियों सा आकाश होगा। घूंघट का पट खुलेगा तो प्रकाश होगा।। मीन जल के बीच करत कलोल जो है, नैन के गोलक अमोलक लोल जो हैं, कनक कामिनि अचिद मिथ्याभास होगा।। घूंघट ० सप्तफेरी हुयी तब घूंघट मिली है, कितने झंझावात आये न हिली है, घूंघट के पट झीन न कर नाश होगा।।…

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई!

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई!

बड़े मामले में विफल होती सीबीआई! ****** हाईप्रोफाइल मामलों में विफल होती सीबीआई, यह बात कुछ हजम नहीं होती भाई ! बोफोर्स तोप घोटाला, 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला। कर्नाटक खनन घोटाला- जिसमें मुख्यमंत्री येदियुरप्पा थे अभियुक्त, या आरूषि हत्याकांड जिसमें सीबीआई थी नियुक्त; जांच नहीं कर पायी युक्तियुक्त। मस्जिद ढ़ांचा विध्वंस मामले में भी- सीबीआई…

मौसम गर्मी का

मौसम गर्मी का

?मौसम गर्मी का ?   अब तो तैयारी कर लो मौसम है आया गर्मी का। देखो त्याग कर दिया है इस धूप ने भी नर्मी का।।   कहां बूंद शबनमी के वो मंज़र सुहाने कोहरे के! ना ही सर्द वो हवाएं ना नामो-निशां नमी का।।   मंजर हुए सुनहरे खेतों तालाबों झील के। ज्यूं श्रृंगार…

बाइज्जत बरी !

बाइज्जत बरी | Kavita Baijjat Bari

बाइज्जत बरी ! ( Baijjat bari ) बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में, सीबीआई की विशेष अदालत ने- फैसला दिया है; सभी 32 आरोपियों को बरी किया है। आडवाणी , जोशी साफ बच गए? इनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला- जज साहब कह गए! तो सवाल है मस्जिद तोड़ी किसने? क्या भूत पिसाच या भूकंप ने…