दिल-ए-नादान
दिल-ए-नादान दिले नादान तुझे कहीं का रहने न दिया। ये कौन जाग जाग कर हमें सोने न दिया।। मुद्दतों बाद नज़र आयी थी बहार मुझे, बज्म में राज खुल जाने का डर रोने न दिया।। लोग नहला धुला के कब्र तक पहुंचा आये, मेरे घर में मुझे कुछ देर भी रहने…
दिल-ए-नादान दिले नादान तुझे कहीं का रहने न दिया। ये कौन जाग जाग कर हमें सोने न दिया।। मुद्दतों बाद नज़र आयी थी बहार मुझे, बज्म में राज खुल जाने का डर रोने न दिया।। लोग नहला धुला के कब्र तक पहुंचा आये, मेरे घर में मुझे कुछ देर भी रहने…
हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता हाँ जीस्त ख़ुशी से ही रब आबाद नहीं करता हर रोज़ ख़ुदा से फ़िर फ़रयाद नहीं करता हाँ शहर में होते कितने क़त्ल न जाने फ़िर इक मासूम को वो जो आजाद नहीं करता मैं पेश नहीं आता फ़िर उससे अदावत से…
जीवन का आनंद **** (मंजूर के दोहे) १) उठाओ पल पल जग में, जीवन का आनंद। चिंता व्यर्थ की त्यागें, रहें सदा सानंद।। २) खुशी खुशी जो बीत गए,क्षण वही अमृत जान। बिना पक्ष और भेद किए,आओ सबके काम।। ३) यह आनंद जीवन का, कस्तूरी के समान। साथ रहे व संग चले, कठिन…
माने से दिल मानता नहीं है! माने से दिल मानता नहीं है! उसके बिन कुछ चाहता नहीं है सदा इसे प्यार चाहिए दिल ख़ुशी ग़म ये जानता नहीं है हाँ सिर्फ़ आता दिखाना गुस्सा कि प्यार वो बोलता नहीं है कि नफ़रतों से मुझे वो देखें मुहब्बत से देखता नहीं…
आदमी की पहचान! ***** नहीं है आसान आदमी की पहचान! भाल पर नहीं उसके कोई निशान कहने को तो साथ खड़ा है दिख भी रहा है पर दरअसल वह गिरने का इंतजार कर रहा है गिरने पर उठाने का प्रयास नहीं करता, एक ठोकर मार आगे है बढ़ता! आपके खड़े होने से उसे ईर्ष्या है,…
उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है उल्फ़त में चोट मिली ऐसी टूटे है! यादों में उसकी अब ग़ज़लें सुनते है इक भी आया न मुझे दोस्त जवाब मुझे रोज़ उसे लिक्खे उल्फ़त के ख़त मैंनें है इक भी अल्फ़ाज़ न उल्फ़त का था बोला बोले उसने तो शब्द सभी कड़वे…
रोज दिखाये वो नखरे है रोज दिखाये वो नखरे है! बातें मेरी कब सुनते है सूखे फूल मुहब्बत के अब ऐसे उल्फ़त में लूटे है नफ़रत की दीवारे है अब रिश्ते प्यार भरे टूटे है पहले प्यार कहा था उसने अब बातें से वो बदले है भूल गये शायद…