है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी ।

है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी | Ghazal musafir sabhi

है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी  ( Hai ghadi do ghadi ke musafir sabhi )   है घडी दो घडी के मुसाफिर सभी । समझते क्यूं नहीं बात ये फिर सभी।।   है खुदा वो बसा हर बशर में यहां। देख पाते नहीं लोग काफिर सभी ।।   याद करता ना कोई किसी को…

मोबाइल फोन

मोबाइल फोन | Hindi Poem on Mobile

मोबाइल फोन ( Mobile phone )  संचार क्रांति का द्योतक सूचनाओं का संसार, घर बैठे करें मनोरंजन और व्यापार । ज्ञान का यह पिटारा, लुटा रहा प्यार इस पर जग सारा। स्क्रीन पर उंगलियां घिसते, नेट स्लो होने पर हैं दांत पीसते। बच्चे व्यस्क या हों बूढ़े, रख हाथों में कुछ ना कुछ ढ़ूंढ़ें। पाकर…

सदा वो बेवफ़ा चेहरा रहा है

सदा वो बेवफ़ा चेहरा रहा है | Ghazal bewafa chehra

सदा वो बेवफ़ा चेहरा रहा है ( Sada wo bewafa chehra raha hai )   सदा वो बेवफ़ा चेहरा रहा है कभी जिससे मेरा नाता रहा है   उसे कुछ याद भी हो या न हो अब मुझे वो याद सब वादा रहा है   वफ़ा झूठी दिखाकर रोज़ दिल से मुझे वो दर्द बस…

है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल

है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल | Munish kumar shayari

है सभी के दिलों को लुभाती ग़ज़ल ( Hai sabhi ke dilo ko lubhati gazal )    है  सभी  के दिलों को लुभाती ग़ज़ल। तार दिल  के सदा छेङ जाती ग़ज़ल।।   भावना   दूसरे  की  भी  अपनी  लगे।  यूं दिलों को सभी जोङ पाती ग़ज़ल।।   दायरा    बहुत     सारा    समेटे   हुए। बात  कोई  चले  याद …

दिल चुराने का ये अंदाज न हो

दिल चुराने का ये अंदाज न हो | Dil love shayari

दिल चुराने का ये अंदाज न हो ( Dil churane ka ye andaz na ho )   दिल चुराने का ये अंदाज न हो। क्या मजा है जो कोई राज न हो।। टूट जाउंगा बिखर जाऊंगा, जिंदगी इस कदर नाराज़ न हो। बहुत दिनों कहने से डर जाता हूं, छू लूं तुमको अगर ऐतराज न…

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं

राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं   राह ए मंजिल से तुम लौट आना नहीं। मुश्किलें देख कर सर झुकाना नहीं।।   कामयाबी मिले जो ना फिर भी कभी। अश्क कोई कभी तुम बहाना नहीं।।   कुछ असंभव नहीं है जहां में यहां। याद रखना कभी भूल जाना नहीं।।   बाजुओं का भरोसा…

देखा है जब से तुम्हें

देखा है जब से तुम्हें | Poem dekha hai jab se

देखा है जब से तुम्हें ( Dekha hai jab se tumhe )    देखा है जब से तुम्हें दिल में ख़ुशी है बहुत ये आजकल धड़कनों में बेकली है बहुत   मैं सच कहूं भूल पाया ही नहीं हूँ तुझको तुझसे मुझे आज भी ये आशिक़ी है बहुत   जो कल तलक था मेरा दुश्मन…

नहीं कोई अपना यहां

नहीं कोई अपना यहां | Ghazal nahin koi apna yahaan

नहीं कोई अपना यहां ( Nahin koi apna yahaan )    इस जहां में नहीं कोई अपना यहां। जो नज़र आ रहा वो है सपना यहां।।   दर्द अपना दिलों में छुपा कर सदा। हर कदम पर पड़ेगा तड़पना यहां।।   साथ किसका करे मतलबी है सभी। खुद पड़ेगा अकेले ही चलना यहां।।   कल…

चीख

चीख | Cheekh par kavita

चीख ( Cheekh )    चीरती नीले गगन को हृदय विदारक चीख सी है। ले लिया सब कुछ हमारा देता हमको भीख सी है।‌।   छोड़कर घर द्वार तेरे पास आयी यहां मैं, सगे सम्बन्धी सब छूटे अब बता जाऊं कहां मैं‌, दो रोटी के बदले देता लम्बी लम्बी सीख सी है।।ले लिया ०  …

खो गया कहीं 

खो गया कहीं | Ghazal kho gaya kahin

खो गया कहीं  ( Kho gaya kahin )    खो गया कहीं खुशियों का ही रास्ता मेरा जीस्त का सफ़र ये कुछ ऐसा कटा मेरा   कर यकीन मैं तुझसे ही वफ़ा निभाऊंगा दिल कभी न होगा ये यार बेवफ़ा मेरा   जंग जीत लूंगा मैं तो कभी मुहब्बत की दिल का ही कभी टूटेगा…