पर्यावरण | Paryaavaran par kavita
पर्यावरण
( Paryaavaran )
( Paryaavaran )
महागौरी मां ( Mahagauri Maa ) अलौकिक सिद्धियों की वृष्टि, मां महागौरी श्री वंदन से सनातन धर्म परम पद, दुर्गाष्टमी पुनीत महापर्व । नवरात्र आध्यात्म उजास, सृष्टि रज रज क्षेत्र सर्व । जगदंबें नव रूप अति हर्षित , मां श्वेतवर्णी आभा मंथन से । अलौकिक सिद्धियों की वृष्टि, मां महागौरी श्री वंदन से ।।…
बंजारा की दो नयी कविताएँ ( 1 ) देवता कभी पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें देवता कभी मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें देवता कभी प्लास्टिक में देखे गये और सांचे गयें. देवता लगातार सूखे पत्तों और कोरे कागजों पर चित्रित किये जाते रहें. मगर…अफ़सोस ! देवताओं को कभी हमने दिल में…
यादों की तानी रजाई! यादों की तानी रजाई! लम्बी रातें है तन्हाई ख़्वाब में आता नहीं वो हाँ उदासी दिल पे छाई चैन नहीं है रात भर अब याद जब से उसकी आई सोच में डूबा दिल उसकी चोट दिल पे ऐसी खाई हो चुका वो ग़ैर आज़म ये बताये…
लालबहादुर शास्त्री 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय में आई बहार,रामदुलारी का राजदुलारा,चमका बनकर अलग ही सितारा,कर्मठ, विनम्र,सरल,परिश्रमी,शांत भावी,शिक्षा में निपुण थे अनुभवी,चार भाइयों में सबसे छोटे,जीवन में उतार चढ़ाव थे इनके मोटे,अठारह अठारह का था इनका ना जाने कैसा आंकड़ा,मृत्यु के अठारह महीने तक प्रधानमंत्री का कार्यभार,उससे पहले जन्म के अठारह महीनों में पिता का साया…
मैं हूॅं फौजी ( Main hoon fauji ) मैं हूॅं फौज का एक फीट जवान, करता में देश की सुरक्षा जवान। डयूटी में नहीं लापरवाहीं करता, दिन व रात यह डयूटी में करता।। हजार रुपए मुझे रोज़ है मिलता, फ़ौज में सबको मौज यह रहता। थोड़ा बहुत यें ग़म भी हमें रहता,…
नया साल आया ( Naya Saal Aaya ) मुहब्बत लुटाने नया साल आया सभी ग़म भुलाने नया साल आया।। ग़लत – फ़हमियां जो कभी हो गयीं थीं उन्हें अब मिटाने नया साल आया।। मुहब्बत के लम्हे जो रूठे हुए हैं उन्हें फिर मनाने नया साल आया।। नयी मंज़िलों का हमें जो पता दे वो…