पर्यावरण | Paryaavaran par kavita
पर्यावरण
( Paryaavaran )
( Paryaavaran )
नशा मुक्त अपना भारत बनाएं ( Nasha mukt apna bharat banaen ) आओ मिलकर ऐसा समाज बनाएं, नशा मुक्त अपना भारत देश बनाएं। छोड़ो इस नशें की आदत को यारो, आहिस्ता ही सही पर बदलाव लाएं।। छोड़े हर किस्म की नशें की आदत, नशा मुक्त बनाऍं अपना यह भारत। स्वस्थ तंदरुस्त रखो अपना…
वही मिट्टी वही खुशबू ( Wahi mitti wahi khushboo ) वही मिट्टी वही खुशबू वही बयार आई है। लौट आओ गांव फिर नई बहार लाई है। गीत गजलों के तराने वही झंकार आई है। बजी मंदिर की घंटियां कर्ण टंकार लाई है। ओढ़कर धानी चुनरिया धरा यूं हरसाई है। हरियाली खेतों में लहरे सरसों…
ख्वाब और हकीकत ( Khwab aur haqeeqat ) अब ख्वाबों में नहीं हकीकत जीता हूं यारों, ख्वाब सूर्य पकड़ा हकीकत जुगनू…. ख्वाब समुद्र में डुबकी लगाया हकीकत तालाब ….. अब ख्वाबों में नहीं हकीकत जीता हूं यारों, ख्वाब ईश्वर, पवन…
होली देखो आई रे! ( Holi dekho aayi re ) मल दे अबीर मोहें, होली देखो आई रे! तन-मन पे मस्ती छाई रे! होली देखो आई रे! नयना से नयना कोई जोड़े, चढ़ती जवानी पे डोरे डाले। ताकधिन-ताकधिन होने लगे, रंगों की बौछार सहने लगे। मिलने लगे जब अंगों से अंग, फूलों का बाण…
महकती बहारें ( Mehakti baharain ) फिजाओं में खुशबू फैली खिल गए चमन सारे। झूम-झूम लगे नाचने लो आई महकती बहारें। वादियों में रौनक आई लबों पे मुस्कानें छाई। प्रीत भरे तराने उमड़े मस्त मस्त चली पुरवाई। वृक्ष लताएं डाली डाली पत्ता पत्ता लहराने लगा। मस्त बहारें चली सुहानी दिल दीवाना…
नूतन वर्ष मंगलमय हो ( Nutan Varsh Mangalmay ho ) नूतन वर्ष मंगलमय हो, सारा जहां यूंही रोशन रहे। दिन दुनी रात चौगुनी हो, सदा खुशियों की सौगात रहे।। नूतन वर्ष…।।1।। पुलकित मन सबका हो, ऐसा मन में विश्वास रहे। खुशियों भरा जीवन हो, भाईचारे का विस्तार रहे।। नूतन वर्ष…।।2।। इच्छाओं की स्व-पूर्ति हो,…