पेड़ लगाओ
( Ped lagao )
पेड़ लगाओ मन भाएगा,
नाम तुम्हारा जग गाएगा।
नित आंगन चिड़ियां आयेगी,
कलरव की वह धुन गायेगी।
हरियाली धरती पर छाए,
जीव- जन्तु के मन को भाए।
घन आयेंगे नीलगगन में,
खुशियां बरसेंगे तन- मन में।
हर राही को छांव मिलेगा,
थके पथिक को ठांव मिलेगा।
नहीं किसी का पांव जलेगा,
सुख सुकून का भाव जगेगा।
सजी धजी सब धरती होगी,
प्राणवायु तब हमको देगी।
पेड़ नही यह देव हमारे,
सुंदर – सुंदर प्यारे – प्यारे।
आओ मिलकर पेड़ लगाएं,
खुशियों से यह धरा सजाएं।
रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी
( अम्बेडकरनगर )