Periods par kavita
Periods par kavita

 पीरियड्स

( Periods ) 

 

तेरह वर्ष की उम्र में मुझको हुआ पहली बार,

पेट के नीचे दर्द हुआ जैसे फूटा कोई गुब्बार।

कमर दुखना चक्कर आना क्या हुआ है यार,

किसको बताऊॅं रक्तस्राव हुआ योनी के द्वार।।

 

 

घबराई एवं शरमाई डरते-डरते घर तक आई,

क्या हुआ है मेरे साथ सोच कर मैं बहुत ‌रोई।

डरती-डरती शाम को मैं मैया को बात बताई,

हल्के में लेकर माॅं ने पूरी-बात मुझे समझाई।।

 

 

स्वाभाविक है यें प्रकिया जो इस उम्र में होती,

मासिकधर्म माहवारी पीरियड्स यें कहलाती।

रजोधर्म मेंस्ट्रुअल साइकिल एमसी यह होती,

ऐसे समय में स्वच्छता की बातें भी बतलाती।।

 

 

स्त्रियों के शरीर में हार्मोंन्स का बदलाव होता,

इस गर्भाशय से दुषित रक्त निकलकर आता।

पाॅंच-दिन तक रहता है इस पीरियड का जोर,

कुदरत उपहार व जीवन आधार माना जाता।।

 

 

अपवित्र और अशुद्ध इनको नही कोई कहना,

पीरियड के बारे में बच्चें-बच्ची को समझाना।

उस समय सेनेटरी-पैड खरीदने में ना शर्माना,

छ: से बारह घंटे में पैड बदलें यही समझाना।।

रचनाकार :गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here