तस्वीरें | Kavita
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” ||
१. हर तस्बीर कुछ कहती है ,हर तस्बीर की एक कहानी है |
हर पल थमा सा लगता है ,तस्बीर उस वक्त की निसानी है |
कुछ धुंधली कुछ नई सी हैं , मानो यादों की जवानी है |
हर तस्बीर की अपनी अदा है , हर तस्बीर बड़ी सुहानी है |
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” ||
२. तस्बीरें कर देती हैं ताजी यादें,जो वक्त जैसा गुजरा है |
कुछ सुख कुछ दुख का अनुभव,मानो अभी ही गुजरा है |
कोई तास्बीर देख याद कर ,रोता है आँसू छलकता है |
कोई उछलता झूम -झूम कर,तरह-तरह बलखता है |
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” ||
३. कुछ तस्बीरों को संजोए रखे हैं,उस पल की निशानी जान कर|
कुछ को फाड जला देते हैं ,आने वाली मुसीबत मान कर |
कुछ होती हैं जो हमारी हर ,महानता को कायम रखती हैं |
कुछ बदनसीब होती हैं ,जो घुट कर जीने को मजबूर करती हैं |
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” ||
४. मेरी भी कुछ तस्बीरें हैं जो ,बीते पल का एहसास कराती हैं |
कुछ हंसाती कुछ रूलातीं ,कुछ बचपन याद दिलाती हैं |
अत्यंत सुन्दर है संग्रह तस्बीरों का,खुद के कई रुप मिलते हैं |
वक्त गुजरता है वक्त पर,तस्बीरों से बीेता वक्त मेहसूस करते हैं |
हर पल की यादें होती हैं “तस्बीरें” ||
लेखक—–> सुदीश कुमार सोनी
Very nice lines…?