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शारदे मां का वंदन
शारदे मां का वंदन ज्ञान की देवी मातु शारदे, मां मैं तुझको प्रणाम करूं,निशदिन तुझे प्रणाम करूं,तेरे चरणों में मैं शीश धरुं।जग का भाग्य बनाने वाली मां,मेरा भी जग नाम करो,इतनी बुद्धि दे देना मां शारदे,आठों पहर तेर नाम धरूं।। मां मेरी अभिलाष यही,जग में ज्ञान की ज्योति जगाऊं मैं,तेरे आशीर्वाद से मां बस जग…

क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां
क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां ******** साजिश की बू आ रही है घड़ी घड़ी उसकी याद आ रही है इंतजार करके थक गया हूं फिर भी नहीं आ रही है। क्या ऐसा करके मुझे सता रही है? क्या कहूं ? साजिश की बू आ रही है यूं ही तो नहीं मुझे तड़पा रही है…

कर्म पथ | Karm Path
कर्म पथ ( Karm Path ) जुड़ने की कोशिशों मे टूटा हूं कई बार अपनों के साथ होने मे छूटा हूं कई बार पहुंचकर भी ऊंचाई तक गिरा हूं कई बार फिर भी अभी हारा नही हूं कमजोर जरूर हूं,बेचारा नही हूं…. मरते देखा हूं कई बार अपनों के नाते ही स्वाभिमान को कर…

कठिन परिश्रम | Kathin Parishram
कठिन परिश्रम ( Kathin parishram ) जो बीत गया दौर , वो लौट कर वापस नही आएगा । वो दौर नहीं फिर आएगा, जो दौड़ कर वर्दी पाएगा ।। वो गया जमाना पीछे बहुत , जो देखेगा सिर्फ पछताएगा। कल नही रुका किसी से , आज को कैसे रोक पाएगा ।। अतीत को देख…

भीगी प्रेम दीवानी राधा | Poem Prem Deewani Radha
भीगी प्रेम दीवानी राधा ( Bhigi prem deewani Radha ) तन भीगा है मन भीगा है, रंगों से उपवन भीगा है। भीगी प्रेम दीवानी राधा, चोली दामन सब भीगा है। मन का कोना कोना भीगा, रोम-रोम हर तन भीगा है। फागुन रंग बसंती छाया, प्रेम रंग से जन-जन भीगा है। भीगा शहर गांव भीगा…

सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी | Nari par Kavita in Hindi
सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी ( Srishti ki ati uttam rachna hai nari ) कोमल निर्मल सरस भाव, उरस्थ विमल सरिता । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, अनंता अनूप कविता । सृजन उत्थान पथ पर, सदा शोभित महिमा भारी । सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी ।। स्नेहगार ,दया उद्गम स्थल, अप्रतिम श्रृंगार सृष्टि का…

शारदे मां का वंदन
शारदे मां का वंदन ज्ञान की देवी मातु शारदे, मां मैं तुझको प्रणाम करूं,निशदिन तुझे प्रणाम करूं,तेरे चरणों में मैं शीश धरुं।जग का भाग्य बनाने वाली मां,मेरा भी जग नाम करो,इतनी बुद्धि दे देना मां शारदे,आठों पहर तेर नाम धरूं।। मां मेरी अभिलाष यही,जग में ज्ञान की ज्योति जगाऊं मैं,तेरे आशीर्वाद से मां बस जग…

क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां
क्या कहूं! ये इश्क नहीं आसां ******** साजिश की बू आ रही है घड़ी घड़ी उसकी याद आ रही है इंतजार करके थक गया हूं फिर भी नहीं आ रही है। क्या ऐसा करके मुझे सता रही है? क्या कहूं ? साजिश की बू आ रही है यूं ही तो नहीं मुझे तड़पा रही है…

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कर्म पथ ( Karm Path ) जुड़ने की कोशिशों मे टूटा हूं कई बार अपनों के साथ होने मे छूटा हूं कई बार पहुंचकर भी ऊंचाई तक गिरा हूं कई बार फिर भी अभी हारा नही हूं कमजोर जरूर हूं,बेचारा नही हूं…. मरते देखा हूं कई बार अपनों के नाते ही स्वाभिमान को कर…

कठिन परिश्रम | Kathin Parishram
कठिन परिश्रम ( Kathin parishram ) जो बीत गया दौर , वो लौट कर वापस नही आएगा । वो दौर नहीं फिर आएगा, जो दौड़ कर वर्दी पाएगा ।। वो गया जमाना पीछे बहुत , जो देखेगा सिर्फ पछताएगा। कल नही रुका किसी से , आज को कैसे रोक पाएगा ।। अतीत को देख…

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भीगी प्रेम दीवानी राधा ( Bhigi prem deewani Radha ) तन भीगा है मन भीगा है, रंगों से उपवन भीगा है। भीगी प्रेम दीवानी राधा, चोली दामन सब भीगा है। मन का कोना कोना भीगा, रोम-रोम हर तन भीगा है। फागुन रंग बसंती छाया, प्रेम रंग से जन-जन भीगा है। भीगा शहर गांव भीगा…

सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी | Nari par Kavita in Hindi
सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी ( Srishti ki ati uttam rachna hai nari ) कोमल निर्मल सरस भाव, उरस्थ विमल सरिता । त्याग समर्पण प्रतिमूर्ति, अनंता अनूप कविता । सृजन उत्थान पथ पर, सदा शोभित महिमा भारी । सृष्टि की अत्युत्तम रचना है नारी ।। स्नेहगार ,दया उद्गम स्थल, अप्रतिम श्रृंगार सृष्टि का…

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