चंद्रयान तीन | Poem in Hindi on Chandrayaan 3

चांद पर भारत

( Chand par Bharat )

 

चांद की धरती पर ,भारत ने पांव पसार लिया
ब्रम्हांड के नवयुग मे,खुद को संवार लिया

विश्व की नजरें गड़ी ,भारत की वैज्ञानिकता पर
करते थे उपहास जो,गिर गए अपनी ही निजता पर

रुआब नही अभिमान नहीं,यही भारतीय सभ्यता
लेकर साथ चलने की ,यही है कार्तव्यता

सुलझेंगे रहस्य कई,अन्य ग्रहों के भी खुल जायेंगे
खनिज धातु द्रव्यमान कई,और नए मिल जायेंगे

वेदों का अध्ययन आज ,कर रही दुनियां सारी
उत्पत्ति की शोध मे,जनक की भूमिका भारी

परचम भारत का ऐसे ही ऊंचा हरदम रहेगा
है देश सत्य सनातन का,शीश मुकुट हरदम रहेगा

 

चंद्रयान तीन

( Chandrayaan 3 )

 

चंद्रयान तीन ने,,किया सफल अभियान
डंका बजा विश्व मे,भारत बना महान

हुए सफल,दक्षिणिध्रुव पर झंडा फहराया
देश के वैज्ञानिक क्षमता पर,मन है हर्षाया

जहां न, पहुंचे रूस,चीन और अमरीका
वहां पहुंचकर भारत ने,दिखाया पौरुष बांका

चंदा मामा था ,अब सहोदर भ्राता होगा
दो जिस्म एक जान,ऐसा हमारा नाता होगा

दे संदेश विश्व को,दिखाया बंधुत्व भाव
हमसे बढ़ कौन रखेगा,परस्पर प्रेम सद्भाव

अब आदित्य और गगन यान की तैयारी
शुक्र भी हमसे दूर नही,देखेगी दुनिया सारी

 

मोहन तिवारी

 ( मुंबई )

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