मुझे ए .सी. न बंगला न कार चाहिए | Poem na A/C na car
मुझे ए .सी. न बंगला न कार चाहिए
( Mujhe A/C na bangla na car chahiye )
मुझे ए .सी. न बंगला न कार चाहिए,
दहेज में बीवी का बस प्यार चाहिए।
माता पिता सब का जो सम्मान करें
पांव पुजी में ऐसा संस्कार चाहिए।
कोई भूखा न जाए मेरे द्वार से,
कलेवा में ऐसा व्यवहार चाहिए।
घर की मर्यादा जो न नीलाम करें
विदाई में ऐसा खुद्दार चाहिए l
मुझे कुछ नहीं चाहिए उनके परिवार से,
बस नम्रता से भरा प्रेम व्यौहार चाहिए।
जिसके प्रेम के सागर में मैं डूबा रहूं,
मुझे ऐसा जीवन साथी दिलदार चाहिए।
कवि – धीरेंद्र सिंह नागा
(ग्राम -जवई, पोस्ट-तिल्हापुर, जिला- कौशांबी )
उत्तर प्रदेश : Pin-212218
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