गौतम बुद्ध पर कविता
गौतम बुद्ध पर कविता
बुद्ध पूर्णिमा के दिन जन्मे बुद्ध
पूर्णिमा के दिन पाया ज्ञान ‘ ।
बुद्धपूर्णिमा के दिन ही हुआ
जिनका महापरिनिर्वाण ‘ ।
उसे ही हम गौतम बुद्ध कहते है ।
अक्रोध से क्रोध को भलाई से दुष्ट को
दान से कंजूस को सच से झूठ को
जीतना सिखाता जो उसे ही
हम गौतम बुद्ध कहते है ‘ ।
मुक्ति का कारण न करना इच्छाये ।
दुख का कारण इच्छाये बताये ।
अनुभव को साक्षात प्रमाण माने ।
आत्मजयी को जग में विजेता माने ।
उसे ही हम गौतम बुद्ध कहते है ।
इच्छा मोह राग द्वेष सबसे बडे दोष ।
सुखमय होता संतोष का आगोश ।
बताता हमे जो उसे ही हम
गौतम बुद्ध कहते है ।
मनुष्य को जीना चाहिये
होकर समाधिमान व शीलवान ।
मनुष्य को जीना चाहिये
होकर उद्यमी व प्रज्ञावान ।
निष्ठा से करना सिखाता जो धर्म
उसे ही हम गौतम बुद्ध कहते है ।
सिर्फ अपने लिये जी कर कुछ नही
रखा नीरस मोक्ष प्रात करने में ।
आनंद का अनुभव करो
दूसरो को दुख से छुड़ाने में।
जिनके विचार शक्ति और उर्जा देते है
उसे ही हम गौतम बुद्ध कहते है ।
आशा झा
दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )