Poem on Humsafar in Hindi

हमसफर हो कितनी प्यारी | Poem on Humsafar in Hindi

हमसफर हो कितनी प्यारी

( Humsafar ho kitni pyari ) 

 

तुम से ही हौसला हमारा तुमसे ही हिम्मत हमारी
तुम दिल का करार हो मनमीत दिल की हो प्यारी
हमसफर हो कितनी प्यारी

 

उन्नति आशा की किरणें प्रगति पथ पे प्रेरणा हो
प्रेम का बहता झरना दया धर्म कर्म करुणा हो
जीवन के इस सफर में हमसफ़र हो तुम हमारी
पग पग पर साथ देती महकती आंगन फुलवारी
हमसफर हो कितनी प्यारी

 

आंधियों में ढाल बनती तलवारों का जोश तुम हो
अंधियारों में तुम रोशनी भूचालों का होश तुम हो
प्यार के मोती लुटाती प्रीत भरी हो इक फुलवारी
मुस्कुराहटों का बहता दरिया तुम हो सुंदर नारी
हमसफर हो कितनी प्यारी

 

महकती सी वादियों से खुशबूओं का भंडार हो
जिंदगी में चमन खिलता प्यार भरा किरदार हो
हर लेती थकान सारी बनकर मधुर मुस्कान प्यारी
प्यार का सागर हो मेरी खुशियों की कहानी सारी
हमसफर हो कितनी प्यारी

 

हर हसीन लम्हों में पाता तुम ही मेरे दिलदार हो
घर आंगन की सुरभि जीवन की प्रित बहार हो
प्रीत प्रेम का मधुर तराना गीतों की धुन हो प्यारी
खिलते चमन सी महकती दिल की धड़कने सारी
हमसफर हो कितनी प्यारी

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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