Poem suno

सुुुनो | Poem suno

सुुुनो

( Suno )

 

सुुुनो…

वो बात

जो थी तब

नहीं है अब

जब आँखों में

छिपी उदासियाँ

पढ़ लेते थे

लबों पर बिछीं

खामोशियाँ

सुन लेतेे थे ….तुम

फुर्सतों में भी

अब वो

बात नहीं

वो तड़प,

वो ललक

नहीं है

 मसरूफियात में भी

हमारी याद से

लरज़ जाते थे जब…..तुम

सुनो…

तब अयां न था

अब बयां सब है

वो शिद्दत-ए-एहसास

वो निगाह-ए- हबीब

जो तब थी

क्या

अब नहीं…

 

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Suneet Sood Grover

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

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