उम्मीद | Poem Ummeed
उम्मीद
( Ummeed )
एक उम्मीद सी,दिल में रहती है ।
जो प्यार से, हमसे कहती है ।
चिंताएं सारी ,छोड़ भी दो ।
खुशियों से , नाता जोड़ ही लो ।
वो दिन भी, जल्दी आयेगा ।
मन ,आनंदित हो जायेगा ।
जब साथ, मिलेगा अपनों का ।
संग संग देखे , सब सपनों का ।
मन में ना, रहेगी जब शंका ।
खुशियों का, बाजेगा डंका ।
पतझड़ झर झर , झर जाएगा ।
फिर बसंत ,बहारें लायेगा ।
आंखों में , ना कोई नमी होगी ।
जीवन में, ना कोई कमी होगी ।
एक उम्मीद सी ,दिल में रहती है ।
जो प्यार से , हमसे कहती है ।
प्रगति दत्त
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