पाज़िटिव कविता! | Vyang
पाज़िटिव कविता!
( Positive Kavita : Vyang )
( Positive Kavita : Vyang )
तेरी दोस्ती ( Teri Dosti ) तेरी दोस्ती से, गुलजार जिंदगी मेरी पाकर तुम्हारा साथ, जीवन सम प्रसून खिला । बोझिल सी राहों पर, आनंद भरा शकून मिला । जले नव आशा दीप , दूर सारी नैराश्य अंधेरी । तेरी दोस्ती से,गुलजार जिंदगी मेरी ।। मेरा जीवन तो जैसे, तपता रेगिस्तान था । कदम कदम…
धरा हरसाई ( मनहरण घनाक्षरी ) वसुंधरा मुस्काई है, ऋतु बसंत आई है। खिलने लगे चमन, बहारें महकती। झूम उठी धरा सारी, नाच रहे नर नारी। पुष्प खिले भांति भांति, चिड़िया चहकती। अवनी अंबर सारे, नभ मे दमके तारे। वादियों में गूंज रही, धमाले धधकती। हरी भरी हरियाली, घर घर खुशहाली। रंगों की रंगत…
मां सिद्धिदात्री ( Maa Siddhidatri ) नवरात्रि का नवम दिन है माता सिद्धिदात्री का, जग पालन कर्ता सम्पूर्ण जगत की अधिष्ठात्री का। चतुर्भुजी स्वरूप में आती माता कमलासना, नवरात्रि व्रत पूर्ण होता इनकी करके उपासना। शंख पद्म चक्र गदा धारी अद्भुत रूप दिखलाए, इनकी पूजा जो भक्त करे वो सब सिद्धियां पाए। एक ओर…
महल अपनी गाते हैं ( Mahal apni gate hain ) ऊंचे महलों के कंगूरे, आलीशान दमक वाले। रौब जमाते मिल जाते, चकाचौंध चमक वाले। मेहनतकश लोगों पर भारी, अकड़ दिखाते हैं। मोन रहती मजबूरी तब, महल अपनी गाते हैं। शानो शौकत ऊंचा रुतबा, ऊंचे महल अटारी। झोपड़ियों को आंख दिखाते, बन ऊंचे…
अणु से संपूर्ण ( Anu se Sampurn ) तू बूंद से कर प्रयाण सागर का सागर भी मिल जाता महासागर में हो मुक्त आवागमन के बंधन चक्र से ब्यर्थ है मोह इस झूठे संसार से अणु कण से हि बना यह रूप मनोहर तब अणु श्रोत की छवि होगी कैसी मिल जाना ही है…
पर्यावरण ( Paryaavaran ) नीम की डाली ने चिड़िया से कहा आ जाओ। रोकर चिड़िया ने कहा मेरा पर्यावरण लाओ।। धुआ ये धूल और विष भरी गैसों का ब्योम, कैसे पवित्र होगा हमको भी तो समझाओ।। काट कर पेड़ हरे अभिमान से रहने वालों, छांव के लिए सिर धुनकर नहीं अब पछताओ।। कारखानों का…