प्रदूषण की समस्या
( Pradushan ki samasya )
हिन्दुस्तान में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली हैं प्रदूषण का आगाज़,
मजहबी इमारतों में शोर गुल सूरज से पहले है प्रदूषण का आगाज़।।
शादी-ब्याह हो या सियासतदानों की रैली जुलूस तो है प्रदूषण,
कलश यात्रा, शोभायात्रा में बजते डीजे होती ऊंची आवाज़ तो प्रदूषण।।
तीनों सूबों और नजदीक इलाकों में आज भी है आब -ए-हवा खराब,
घुटन महसूस होती, सांस लेने में दिक्कत धुआं ज्यादा निकल रही जान।।
औद्योगिक क्षेत्र भी कम नहीं करते हैं प्रदूषण ये कैसा है विकास,
कूड़ा, कैमिकल डालते पानी में, कीटनाशक दवा मिट्टी में फिर भी बचने की आस।।
आज हर व्यक्ति किसी ना किसी जानलेवा गम्भीर बिमारी में ग्रस्त हैं,
कैंसर, बहरापन, ह्रदय रोग, मधुमेह, क्षयरोग, त्वचा भी रोगों में मस्त है।।
कितनी भी व्यायामशाला खोलें,या दवाईयां दो देशी जड़ी बूटियों की घूटी,
सारी कोशिश होती जा रही नाकाम जब तन से आत्मा छूटी ही छूटी।।
खान मनजीत भी है आज प्रदूषण की चारों तरफ गिरफ़्त में,
पेड़ पौधे लगाओ ज्यादा, ना करो शोर ना गंदगी किसी भी सिम्त में।।
मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )