Program on World Urdu Day in Kurukshetra University

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विश्व उर्दू दिवस पर कार्यक्रम

दिनांक 8नवमबर 2023 को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भाषा एवं कला संकाय के अन्तर्गत चल रहा उर्दू विभाग की ओर से विश्व उर्दू दिवस के उपलक्ष में बुधवार को विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम मंच संचालन अनुवाद विभाग की छात्रा प्रिया व उर्दू भाषा विभाग की छात्रा मुस्कान ने किया।

मौलाना साग़ीर अहमद चीनी जामा मस्जिद थानेसर कुरुक्षेत्र ने कहा कि विशेष रूप से पूरब की बदहाली उनको बेचैन रखती थी और वो उसके कारणों से भी अवगत थे, लिहाज़ा उन्होंने इंसानी ज़िंदगी को सुधारने और उसे तरक़्क़ी की राह पर डालने के लिए अपनी शायरी को ज़रिया बनाया। इक़बाल आदमी की महानता के अलमबरदार थे और वो किसी बख़्शी हुई जन्नत की बजाय अपने ख़ून-ए-जिगर से ख़ुद अपनी जन्नत बनाने की प्रक्रिया को अधिक संभावित और अधिक जीवनदायिनी समझते थे।

इसके लिए उसका नुस्ख़ा तजवीज़ करते हुए उन्होंने कहा था, इस कार्यक्रम के दौरान अब्दुल गफ्फार साहब ने उर्दू का महत्व बताते हुए भाषा के प्रति लोगों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा गीत लिखने वाले डॉ. सर अल्लामा मुहम्मद इकबाल के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल 9 नवंबर को पूरी दुनिया में विश्व उर्दू दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि उर्दू एक भाषा के साथ-साथ तहजीब (संस्कृति) है। उर्दू भाषा हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति की पहचान है। हमें उर्दू के बढ़ावे के लिए इसका ज्यादा से ज्यादा दैनिक जीवन में उपयोग करना चाहिए।

सलमा सुल्तान ने कहा कि उर्दू भाषा दुनिया भर के 250 से अधिक देशों में बोली व समझी जाती है। उर्दू भाषा बहुत ही सरल व आसानी से भावार्थ के कारण अधिकतर भारतीय कानून में भी उर्दू भाषा का काफी चलन है। हमें चाहिए कि हम उर्दू भाषा को ज्यादा से ज्यादा बच्चे सीखें।और उर्दू भाषा की सेवा करते रहे।


श्री मनजीत सिंह सहायक प्राध्यापक उर्दू भाषा विभाग ने कहा कि इकबाल की शायरी विचारों की शायरी है लेकिन जो विशेषताएं विचारों की शायरी बनाती है वह केवल इकबाल की ही शायरी है। इकबाल युग को पहचानने वाले और युग निर्माता है ‌।वो बहुत बड़े शायर और दर्शनशास्त्र भी थे।

डॉ रश्मि प्रभा ने कहा कि उर्दू भाषा किसी मजहब की भाषा नहीं है यह सब की भाषा है आम बोलचाल में भी हम उर्दू भाषा के शब्दों का इस्तेमाल आज भी करते हैं।

डॉ पुष्पा रानी अधिष्ठात्री भाषा एवं कला संकाय विभाग ने कहा कि यह दिन हमारे लिए बहुत खास दिन है आज उर्दू भाषा को सारे संसार में उर्दू भाषा दिवस मनाया जा रहा है।हम सब भाग्यशाली हैं कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पावन धरा पर इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं।

इस कार्यक्रम में डा वंदना कौल,डा आर के सूदन,अली खान, यामीन, कुलदीप, मुस्कान, जुबेर खान, गुरबचन सिंह व अनुवाद विभाग की छात्राएं आदि मौजूद रहे।

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