प्यार की ताकत | Pyar ki Taqat
प्यार की ताकत
प्यार की ताकत
कोई गणितज्ञ आज तक
नाप नहीं पाया है।
यह ख़ुशबू की तरह है,
जो आँखों से नहीं दिखती
बस इसको महसूस किया
जा सकता है
प्यार की ताकत
कोई शासक आज तक
कुचल नहीं पाया है।
यह मिट्टी में गिरे बीज की तरह है
थोड़ी सी अनुकूल परिस्थिति पाते ही
कहीं से भी फूटकर
अपनी राह खोज लेता है।
प्यार की ताकत
ज्वालामुखी से भी ज्यादा
विस्फोटक होती है
जो रास्ते में आए
पत्थरों और कठोर से कठोर
धातुओं को भी पिघला देती है
प्यार जैसे बारिश के बाद
धरती की सौंधी महक
जो भी होगा संवेदनशील
वो इसकी अनुभूति कर लेगा
प्यार की ताकत
फ़ूल से भी अधिक
नाज़ुक होती है,
और पत्थर से भी कठोर
प्यार के फूल ने
चट्टानों को भी तोड़ दिया
जो भारी भरकम हथौड़ों से
कभी न टूटी
प्यार की ताकत
आपको मजबूत बनाती है
सर्द हवाओं में बर्फ़ पर भी लेट कर
ठंड का अहसास नहीं होता
झुलसती गर्मी में
आग उगलता सूरज भी
आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता
दीपक वोहरा
(जनवादी लेखक संघ हरियाणा)
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