प्यारा देश हमारा
( Pyara desh hamara )
कल कल करती बहती रहती
धमनी सी नदियों की धारा
पग धोता है सागर जिसका
वह है प्यारा देश हमारा,
सिर समान काश्मीर सुशोभित
महक वादियां जिसका प्यारा
शोभित जिस पर ताज हिमालय
वह है प्यारा देश हमारा।
ऊंचे – ऊंचे हिम शिखरों से
झरता झरना झर- झर न्यारा
जहां चमकते रवि की किरणें
वह है प्यारा देश हमारा।
मैदानों की हरियाली भी
रंग देती भू जगती सारा
जहां वसंती महकें खुशबू
वह है प्यारा देश हमारा।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम
गूंजे ध्वनि धर्मों का प्यारा
जहां न कोई गैर किसी का
वह है प्यारा देश हमारा।
होत सवेरा खग – कुल गातें
गीत सुमंगल प्यारा प्यारा
शीतल बहे समीर जहां पर
वह है प्यारा देश हमारा।
मिलता जहां थके हारे को
अपनों जैसा एक सहारा
जहां सभी में अपनापन है
वह है प्यारा देश हमारा।
भारत माता की जय जय का
चहुदिश गूंजे जयजयकारा
स्वर्ग जहां जिस मिले धरा पर
वह है प्यारा देश हमारा।