
रात दिन आती उसकी अब याद है
( Raat din aati uski ab yaad hai )
रात दिन आती उसकी अब याद है
जिंदगी उसके बिना नाशाद है
नफ़रतों का रोज़ पीता हूँ जहर
जिंदगी कब प्यार से आबाद है
जिंदगी आबाद जाये खुशियों से
रोज़ रब से ये मेरी फ़रयाद है
तोड़कर दिल प्यार से मेरा भरा
कर गया वो जिंदगी बरबाद है
क्या खिलेंगे प्यार के गुल जीस्त में
नफ़रतों से जिंदगी नाशाद है
इसलिए दिल में उदासी है भरी
मुझपे बचपन में हुए बेदाद है
छोड़कर जब तू गया है आज़म को
रोए हूँ तेरे जाने के बाद है
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