
अटूट बंधन राखी
( Rakhi par kavita )
धागों का यह अटूट बंधन
पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन
सावन की पूर्णिमा आती
तिलक करे भाई का बहने
कलाई पर राखी बांधती
भाई करें रक्षा बहन की
है पवित्र प्यार का बंधन
अनमोल अटूट रक्षाबंधन
द्रोपदी के एक धागे की
लाज बचाई थी कृष्ण ने
कर्णावती ने भेजी राखी
मान रखा था हुमायूं ने
पहुंचे थे मेवाड़ बचाने
रोली अक्षत दीपक जला
मीठा राखी से थाली सजा
मुंह मीठा करवाती बहने
सूनी कलाई सजाती बहने
कामना लंबी उम्र की करे
भैया देता रक्षा का वचन
भाई बहन का प्यार राखी
पावन पुनीत त्यौहार राखी