राम आएंगे धरा पर

( Ram aaenge dhara par )

 

राम आएंगे धरा पर, सब राम के गुणगान गाओ।
भगवा धर्म ध्वज हाथ ले, नभ पताका लहराओ।
चलो अवध रामभक्तों, दर्श को पलके बिछाओ।
दिव्य राम मंदिर पावन, भारतवासी सारे आओ।

राम का कीर्तन करो, राम की महिमा सुनाओ।
आराध्य श्री रामजी, श्रद्धा से मस्तक नवाओ।
प्रेम की चादर बिछाओ, प्रीत की रसधार बहाओं।
नफरतों के शूल कंटक, हो सके पथ से हटाओ।

गीत गजल छंद मुक्तक, तुलसी की चौपाई गाओ।
भक्ति भाव भजन सुरीले, रामनाम रसधार बहाओ।
राम प्रभु के दर्शन कर, भाग्य को सुंदर बनाओ।
राम अवध राजदुलारे, अयोध्या सारी सजाओ।

ऊंट घोड़े गाजे बाजे, तोरण द्वार पे हाथी सजाओ।
पुष्पों से महका दो मार्ग, राम नाम ज्योत जलाओ।
साधु संत ऋषि मुनि योगी, तपस्वी ध्यान लगाओ।
लीला अपरंपार प्रभु की, सब मिल उत्सव मनाओ।

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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