Ram Naam ka Vriksh
Ram Naam ka Vriksh

राम नाम का वृक्ष लगाओ

( Ram naam ka vriksh lagao ) 

 

राम-नाम का वृक्ष लगाओ अपनें मन के भीतर,
साफ स्वच्छ मन को रखों और प्यारा दो उत्तर।
जन्म मरण तो अटल है सत्य कोई इससे न डर,
फिर देखो यें जीवन तुम्हारा हो जाएगा बेहतर।।

रहें सर्वदा सच के साथ चाहें कोई कुछ भी कहें,
अहंकार में आकर किसी-का मन दुखी न करें।
श्रीराम प्रभु के पद चिन्हों पर अग्रसर बढ़तें रहें,
सरल बनें सच्चे बनें ना ही कोई अभिमान करें।।

सभ्यता-संस्कृति और परंपराओं का ध्यान रखें,
समस्त धर्मों के लोग मिलकर प्रेम-प्यार से रहें।
अपनें अपनो से न उलझे इसका भी ध्यान रखें,
कष्ट पड़े तो सिया राम का सभी नाम रटते रहें।।

करके दिखाये ऐसा कुछ जो हो सभी से अलग,
सज्जनता का ओढ़कर चद्दर रहें अलग-थलग।
जीते जी भी‌ कभी किसे यें कन्धा दे-दिया करों,
ना जाने सोए ही रह‌ जाओगे तुम भी वो पलंग।।

हार को भी सहना सीखों कभी-कभी सब यारों,
उम्मीद से ज्यादा मिलेगा यें सही बात है प्यारों।
बहुत फ़र्क होता है इस अहंकार एवं संस्कार में,
प्रभु पर भरोसा रखों चाहें कष्ट आए यें हजारों।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here