Similar Posts
डॉ के एल सोनकर ‘सौमित्र’ की कविताएँ | Dr. K. L. Sonkar Poetry
ByAdmin
क्या करूं समय है काम नहीं है काम है समय नहीं है दोनो है पैसा नहीं है पैसा है बल नहीं है बल है तीनो नहीं है सब है सम्मान नहीं है आखिर तुम्हीं बताओ मैं क्या करूं इस अनियंत्रित; अव्यवस्थित समाज व्यवस्था में रहकर ? दीवार लगता है ये दीवार कितनी…
कैसे मनाओगे जन्म-दिन | Kavita kaise manaoge janm-din
ByAdmin
कैसे मनाओगे जन्म-दिन ( Kaise manaoge janm-din ) जन्मदिवस की यें ढेरों शुभकामना, कोरोना से हम सबको जंग लड़ना। करना इसका सब मिलकर सामना, इस महामारी से महा-अलर्ट रहना।। बचना और बचाना है हर शहर को, घर-परिवार गांव व अपनें ख़ुद को। समझाना फालतु निकले ना बाहर, हर इंसान और बुजुर्ग माँ बहन को।।…
डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की कविताएं | Dr. Ritu Sharma Pandey Poetry
ByAdmin
स्त्री चूल्हा मिट्टी का हो या गैस का रोटी बनाते समय उँगलियाँ मेरी ही जली है जली उँगलियों के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए तुम्हारी स्वादिष्ट थाली मैंने ही हमेशा सजाई है जब जाते तुम काम पर सारे दिन की थकान भूला शाम को दरवाज़े पर मेरी ही निगाहें तुम्हें खोजती हैं गर्भ धारण से…
बेटी का घर | Beti ka Ghar
ByAdmin
बेटी का घर ( Beti ka ghar ) बेटी का नहीं होता कोई अपना घर न्यारा, घर चाहे पिता का हो या पति का, होता है पराया। “पराये घर जाना है” से शुरू होकर, “पराए घर से आई है” पे खत्म हो जाता है ये फ़साना। जिसको बचपन से था अपना माना, बड़ा मुश्किल…
मेरा स्वाभिमान है यह | Mera swabhiman | Kavita
ByAdmin
मेरा स्वाभिमान है यह ( Mera swabhiman hai yah ) मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं किंलिष्ट प्रकृति का आवरण पहचान गई हूं तीन लोको की करती हुई आज अगुवाई जीवन -मृत्यु का मैं ही निरन्तर सेतु बनी जिंदगी बढ़ाती हूँ मुकाम के अन्वेष पर संभालें रखती हूँ सृष्टि के…
बच्चों के रिजल्ट आने लगे हैं | Bacchon ke Results
ByAdmin
बच्चों के रिजल्ट आने लगे हैं ( Bacchon ke results aane lage hain ) ना निराश, उदास हो अभी सफर है बाकी जो हार जाओ तुम उदास हो ना जाना रास्ते तो अनेक है उस पर बढ़ जाना असफलता होती है सफलता का पैमाना गिर गए डर ना जाना पूरी ताकत से उठना फिर…