सादगी तेरी और तेरी जवानी

सादगी तेरी और तेरी जवानी

सादगी तेरी और तेरी जवानी

 

 

सादगी तेरी और तेरी जवानी।

है दिलों को लगती ये कितनी सुहानी।।

 

यूं ही रूठ जाना खुद ही फिर मान जाना।

उम्र होती मासूम सी ये दीवानी ।।

 

ख्वाब यूं ही बुनती किसी की ना सुनती।

खूं में है इसके कुछ अज़ब सी रवानी।।

 

अंखियों से मस्ती है रहती बरसती।

कर गुजरती अक्सर बहुत सी नादानी।।

 

मुस्कुराते रहना इशारों में कहना।

खूबसूरत सी “कुमार” इनकी निशानी।।

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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माना कि हज़ारों ग़म है

 

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