![Sabke Sahare Ram Shri Ram](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/04/Shri-Ram-696x472.jpg)
सबके सहारे राम
( Sabke Sahare Ram )
विधा कृपाण घनाक्षरी
राम राम भज मन, पुलकित तन मन।
रघुवर राजाराम, लीला है अपरम्पार।
राघव राम रट लो, जय श्रीराम भज लो।
अवधपुरी पधारे, रघुपति करतार।
जन जन प्यारे राम, सबके सहारे राम।
मंझधार डूबी नैया, रामजी लगा दे पार।
ऋषि मुनि ध्यानी योगी, माला जपे सिद्ध जोगी।
राघव पुकारे सिया, स्वामी है खेवनहार।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )