Thirakti hai Duniya
Thirakti hai Duniya

थिरकती है दुनिया

( Thirakti hai duniya )

 

थिरकती है दुनिया, युवाओं की तान पर

राष्ट्र धरा अनंत आह्लाद,
यथार्थ रूप स्वप्न माला ।
नैराश्य नित ओझल पथ,
हर कदम दर्शित उजाला ।
उत्साह उमंग उर सागर ,
सतत श्रम लक्ष्य ध्यान कर ।
थिरकती है दुनिया,युवाओं की तान पर ।।

सकारात्मक सोच विचार,
परिवेशीय अनूप संचेतना ।
कर्तव्य आहूत अधिकार पूर्व,
देश भक्ति तरंग मेघना ।
असंभवता शब्द पटाक्षेप,
बुलंद हौसली उड़ान भर ।
थिरकती है दुनिया,युवाओं की तान पर ।।

परिवार समाज अहम सेतु,
निर्वहन परंपरा संस्कार ।
अपनत्व संबंध आधारशिला,
निज संस्कृति सहार्दिक सत्कार ।
आत्म विश्वास संग घनिष्ठ मैत्री,
समस्या मूल समाधान कर ।
थिरकती है दुनिया,युवाओं की तान पर ।।

ज्ञान विज्ञान प्रौद्योगिकी सह,
धर्म आस्था परम बिंदु ।
सर्व धर्म समभाव सम्मान,
भाईचारा व्यवहार सिंधु ।
आदर्श मर्यादा नारी वंदन,
प्रगति हिय तिरंगी शान भर ।
थिरकती है दुनिया,युवाओं की तान पर ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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