Hindi poem on child | समझदार हुए बच्चे:हम कच्चे के कच्चे
समझदार हुए बच्चे:हम कच्चे के कच्चे
( Samajhdar Hue Bache : Hum kache ke Kache )
( Samajhdar Hue Bache : Hum kache ke Kache )
भारत रत्न लता मंगेशकर ( Bharat Ratna Lata Mangeshkar ) स्वर-कोकिला और महान थी गायिका, भारत वर्ष की शान ऐसी वो पुण्यात्मा। आवाज़ से बनाई जिसने ऐसी पहचान, ग़वाह है जिसका धरती एवं आसमान।। स्वभाव से शान्त और प्रतिभा की धनी, हिंदुस्तान की धड़कन हस्ती थी ख़ास। मराठी था परिवार लता मंगेशकर नाम, कॅंठो में…
अभी और सधना होगा ( Abhi aur sadhna hoga ) नहीं साधना पूरी हुई है, अभी और सधना होगा। अभी कहाँ कुंदन बन पाये, अभी और तपना होगा।। अभी निशा का पहर शेष है, शेष अभी दिनकर आना अभी भाग्य में छिपा हुआ है, खिलना या मुरझा जाना अभी और कंटक आना है,…
मीठी-मीठी ठण्डक ( Meethi meethi thandhak ) कांप रहे सब हाथ पांव, मौसम मस्त रजाई का। देसी घी के खाओ लड्डू, मत सोचो भरपाई का। ठिठुर रहे हैं लोग यहां, बर्फीली ठंडी हवाओं से। धुंध कोहरा ओस आई, अब ठंड बढ़ गई गांवों में गजक तिल घेवर बिकती, फीणी की भीनी महक।…
साथी हाथ बढ़ाना ( Sathi haath badhana ) प्रीत तुम्हारी मन को भाती, प्रीत जरा निभाना। साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना। वृंदावन सा हृदय हो गया, गोकुल सा अफसाना। आंधी तूफां मुश्किलों का, सुख सागर बन जाना। बजे बांसुरी जब मोहन की, झूम झूमकर गाना। साथी हाथ बढ़ाना, साथी हाथ बढ़ाना। …
मन और तन ( Man aur tan ) इस जीवन में कोई नहीं ईश्वर के बिना, इंसानों ने तो कर दिया मुश्किल जीना, आज इसके तो कल उसके हो जाते है, हर दिन नए परिंदो से मिल जाते है, ना भावनाओं की कद्र उनको, ना ही मेरे मन की, उन्हें तो होड़ मची है…
दिवाली ( Diwali ) तेरी भी दिवाली है, मेरी भी दिवाली है, जब दीप जले मन का, तब सबकी दिवाली है। सरहद पे दिवाली है, पर्वत पे दिवाली है, जिस-जिस ने लुटाया लहू उन सबकी दिवाली है। खेतों में दिवाली है, खलिहान में दिवाली है, गुजरे जिस राह कृषक, उस राह दिवाली…