संकेत | Sanket
संकेत
( Sanket )
बेहतर है कल के लिए
कल को भुला देना
कल की संभावनाओं मे
आज को बांधा नही करते..
मान लो की वह एक मौका था
उनको समझ लेने का
अब आपको ही अपनी समझ से
आगे का सफर तय करना है…
बीते का तो केवल पदचिन्ह ही शेष है
आपके लिए तो कल ही विशेष है
जो सीखे हो वह भी कम तो नही
अपर्याप्त मे भी पर्याप्त शेष है….
रास्ते ही जनक हैं रास्तों के
चलने का प्रयास जरूरी है
मिल गई जब पहचान उनकी
तब स्वयं को भी समझ लेना जरूरी है..
उम्मीद,साथ,सहयोग ये सब भ्रम हैं
आपके लिए आप ही सबसे सफल हैं
उठो और चलो,इसी मे है जीत आपकी
बैसाखी से तुम कभी दौड़ नही सकते….
( मुंबई )